देश और दुनिया की तरह मध्य प्रदेश में भी कोरोना संक्रमण ने लोगों की जिंदगी पर असर डाला है, जिससे आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह प्रभावित हुई हैं। इन सबके बावजूद निजी स्कूलों की फीस कम नहीं हुई है। निजी स्कूलों की इसी मनमानी से नाराज बच्चों के अभिभावक मंगलवार को स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से शिकायत करने पहुंचे तो मंत्री जी भड़क गए। इतना ही नहीं, उन्होंने फरियाद करने पहुंचे पालक संघ के पदाधिकारियों को झिड़कते हुए कह दिया कि 'मरना है तो मर जाओ'।
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बीजेपी की शिवराज सरकार के मंत्री इंदर सिंह परमार का सोशल मीडिया पर जो बयान वायरल हो रहा है, उसमें वे मुलाकात करने वाले अभिभावकों से साफ कह रहे हैं कि 'जो करना हो करो, आंदोलन करना है तो करो, मरना हो तो मर जाओ, हमे कोई फर्क नहीं पड़ता।' पालक महासंघ के अध्यक्ष कमल विश्वकर्मा का कहना है कि फीस के मुद्दे को लेकर पालक मंगलवार को स्कूल शिक्षा मंत्री के आवास पर गए थे, जहां मंत्री ने पालकों की बात नहीं सुनी और बेतुका बयान दिया। पालक संघ मंत्री के खिलाफ मानहानि का दावा करेगा।
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बीजेपी सरकार के मंत्री के इस बयान के बाद से राज्य की सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस ने मंत्री के इस व्यवहार पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने पूरी घटना का वीडियो शेयर करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान को सब याद रखने की चेतावनी दी। कांग्रेस ने कहा, स्कूली बच्चों के पिता से बोले मंत्री- "मरना है तो मर जाओ, फीस माफ नहीं होगी; महामारी में बच्चों की फीस माफ करने की गुहार लगाने अभिभावक स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के बंगले पहुंचे तो अहंकारी मंत्री ने मरने का सुझाव दिया। शिवराज जी, आप भी याद रखना, हम भी याद रखेंगे।"
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वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है कि स्कूल शिक्षा मंत्री का बेशर्मी भरा कृत्य सामने आया है। पालक संघ राहत के लिए उनसे मिलने जाता है और वे गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाते हैं। उन्होंने पालक संघ के लोगों से कहा कि जो करना हो तो करो, आंदोलन करना है तो करो, मरना हो तो मर जाओ, हमे कोई फर्क नहीं पड़ता।
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इधर स्कूल शिक्षा मंत्री के बचाव में बीजेपी भी उतर आई है। बीजेपी प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसौदिया ने कहा कि, "पालक संघ के लोग स्कूल शिक्षा मंत्री से मिले हैं, फीस के मसले को लेकर, मंत्री ने उनसे कहा है कि कुछ समय रुकिए, उसका अध्ययन कराकर आपको जवाब देता हूं। तो लोग कहने लगे कि मर जाएं क्या। तो उन्होंने कहा कि क्यों मरो, मैं अध्ययन कराके समस्या का समाधान करता हूं।"
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