मध्य प्रदेश कांग्रेस के स्वास्थ्य और चिकित्सा प्रकोष्ठ के एक कार्यक्रम में चिरायु मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. अजय गोयनका ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि सरकार के जरिए कोरोना के मरीजों के ट्रीटमेंट का विजन तत्कालीन मुख्यमंत्री कमल नाथ का था। उन्होंने कहा कि ये कमलनाथ का ही विजन था जो उन्होंने सरकार के जरिये कोरोना मरीजों का इलाज शुरू करवाया था।
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डॉ. गोयनका ने कहा, "कमल नाथ को मैं धन्यवाद देना चाहता हूं, क्योंकि कोरोना के मरीजों का इलाज उनकी लीडरशिप में शुरू किया गया था, अलग-अलग जिलों से आए 28 हजार कोरोना मरीजों का इलाज किया गया। धन्यवाद देता हूं मैं कमलनाथ के उस दिन के विजन को कि जब उन्होंने यह तय किया था कि हम सरकार के माध्यम से कोविड-19 मरीज का ट्रीटमेंट करेंगे।" अपनी बात आगे बढ़ाते हुए डॉ. गोयनका ने कहा कि मैं भगवान को धन्यवाद देता हूं कि जिसका हमें कुछ नहीं मालूम था उसमें हमें मौका दिया और हम कुछ मरीजों को सेवाएं दे सके।
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कमल नाथ ने अपने वक्तव्य में उन दिनों को याद किया, जब वह मुख्यमंत्री थे और कोरोना से लड़ाई की तैयारी में लगे थे और उनका विपक्ष की ओर से मजाक उड़ाते हुए कहा गया था कि 'यह कोरोना नहीं नाथ का डरोना' है। इस मौके पर कमलनाथ ने भी राज्य में कोरोना काल के दौरान की घटनाओं को लेकर कई खुलासे किए।
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कमल नाथ ने कहा, "जब ऑक्सीजन के टैंकर की कमी आई तब मुझे मुख्यमंत्री शिवराज ने फोन किया कि ऑक्सीजन की बहुत कमी हो रही है, टैंकर नहीं मिल रहे हैं। मैंने पूछा कि टैंकर कौन बनाता है तो उन्होंने कहा, मैं अपने प्रिंसिपल सेक्रेटरी से कहता हूं, वह आपसे बात करेंगे। उसके बाद उनके पीएस का फोन आया और बताया कि फला कंपनी टैंकर बनाती है। मैंने स्टाफ से चेक कराकर उस कंपनी के चेयरमैन को फोन किया, उनसे टैंकर भेजने को कहा, तब टैंकर मध्य प्रदेश पहुंचे, जिससे हमें राहत मिली।"
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