मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी के दौरान गुटखा कारोबार में हुई लगभग ढाई सौ करोड़ की कर चोरी के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। सामने आया है कि मई माह में 20 से अधिक व्यापारिक संस्थानों को विशेष वाहन पास जारी कर इंदौर में और इंदौर से बाहर गुटखा को लाने और ले जाने की अनुमति दी गई थी।
इंदौर के गुटखा कारोबारी किशोर वाधवानी को ढाई सौ करोड़ से अधिक की कर चोरी के मामले में डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस और डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआई) द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है। वाधवानी का मीडिया जगत से भी नाता है। उन पर आरोप है कि कोरोना काल में 70 से अधिक ट्रकों के जरिए गुटखा का परिवहन किया गया।
हाल ही में एक ऐसी भी सूची सामने आई है, जिसमें इस बात का खुलासा हो रहा है कि 21 से 27 मई के बीच 20 से ज्यादा व्यापारिक संस्थानों के लिए गुटखों के परिवहन की अनुमति दी गई थी। यह वह समय था, जब इंदौर में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण की आशंका बनी हुई थी। इसके बावजूद इंदौर प्रशासन ने गुटखा परिवहन के लिए प्रत्येक कारोबारी को एक वाहन पास जारी करने के साथ ही तीन कर्फ्यू पास उपलब्ध कराने की व्यवस्था की थी।
इन व्यापारिक संस्थानों को गुटखा परिवहन की अनुमति देते हुए प्रशासन ने 20 मई को कहा था कि कोरोना की परिस्थितियों के कारण दो माह से पूर्णत: लॉकडाउन है, जिससे पान मसाला होलसेलर और फुटकर विक्रेताओं का माल गर्मी के मौसम के कारण खराब होने की आशंका है, ऐसे पान मसाला थोक और फुटकर विक्रेताओं को इंदौर जिले में या इंदौर जिले से बाहर अपना माल भेजने की सशर्त अनुमति दी जाती है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश कांग्रेस के आदिवासी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अजय शाह ने इंदौर के जिलाधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है, "इंदौर के कलेक्टर ने गुटखे से कोरोना फैलाने वाले, 400 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी करने वाले गुटखा किंग किशोर वाधवानी के ट्रकों के लिए रास्ता साफ कर दिया, ताकि देश भर में उन दिनों प्रतिबंधित गुटखा लोगों तक पहुंच सके और वे पीक थूक-थूक कर कोरोना फैला सकें।"
कांग्रेस नेता ने बीजेपी सरकार और नेताओं पर हमला बोलते हुए सवाल किया कि, "बीजेपी सरकार के कौन-कौन लोग वाधवानी के गॉडफादर बने थे, इसका खुलासा क्या हो पाएगा?" उन्होंने तल्ख शब्दों में कहा, "जनता के हितैषी होने का सशक्त पाखंड रचने वाले हमारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जो बेवजह भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े को तो बेहतर काम करने के बावजूद बदल देते हैं, लेकिन इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह का बाल भी बांका नहीं होता।"
कांग्रेस नेता के आरोप और सामने आई सूची के संदर्भ में जिलाधिकारी मनीष सिंह से संपर्क करने की कोशिश की गई, मगर वे उपलब्ध नहीं हुए।
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