मध्य प्रदेश चुनाव की मतगणना से पहले बालाघाट जिले में डाक मत पत्रों की पेटी खोले जाने के मामले में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गोपाल कुमार सोनी पर भी गाज गिर गई है और उन्हें निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले तहसीलदार को निलंबित किया गया था। हालांकि, इस मामले में पहले दिन से विपक्ष के निशाने पर रहे कलेक्टर पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
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दरअसल, बालाघाट की विधानसभा सीटों के डाक मत पत्रों की पेटी को 27 नवंबर को खोला गया था, जिस पर कांग्रेस की ओर से सख्त ऐतराज जताया गया। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और कांग्रेस की ओर से मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से लेकर चुनाव आयुक्त तक शिकायतें की गईं।
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कांग्रेस की ओर से की गई शिकायतों के चलते जहां पहले नोडल अधिकारी और तहसीलदार हिम्मत सिंह भंवेरी को निलंबित किया गया तो वहीं अब अनुविभागीय अधिकारी सोनी को निलंबित कर दिया गया है। जिलाधिकारी गिरीश कुमार शर्मा की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि संभाग आयुक्त जबलपुर ने अनुविभागीय अधिकारी और रिटर्निंग अफसर सोनी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। वहीं, उनकी जिम्मेदारी डिप्टी कलेक्टर राहुल नायक को सौंपी गई है।
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वहीं, कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री सैयद जाफर का कहना है कि इस मामले में कलेक्टर को बचाने के लिए अब एसडीएम को सस्पेंड किया गया है। कलेक्टर की साजिश को दबाने के लिए छोटी मछलियां निशाने पर हैं। संभागायुक्त के एक्शन के बाद अब एसडीएम भी सस्पेंड किए गए हैं। क्या कलेक्टर की गलती पर पर्दा डालने की कोशिश हो रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि नोडल अफसर, एसडीएम के बाद अब कलेक्टर की बारी आएगी। जल्दी ही कलेक्टर गिरीश मिश्रा की साजिश का भंडाफोड़ होगा।
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