मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने छिंदवाड़ा से कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भरा। इस मौके पर उन्होंने छिंदवाड़ा और अपने रिश्ते को याद करते हुए कहा कि चार दशक पहले छिंदवाड़ा में जीप से घूमने पर डेढ़ किलो धूल शरीर पर चढ़ जाती थी, अब स्थिति बदल गई है।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने छिंदवाड़ा से कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर गुरुवार को अपना नामांकन भरा। छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से नामांकन भरने से पहले कमलनाथ ने अपनी बात बेबाकी से रखी और कहा कि नामांकन भरने का मुहूर्त है, जैसे आप मुहूर्त निकलवाते हैं, मैंने भी निकलवाया है। इसलिए समय से नामांकन भरना जरूरी है।
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इस मौके पर कमलनाथ ने छिंदवाड़ा और अपने रिश्ते को याद करते हुए जिले की दशकों पुरानी कई बातों को याद किया और वहां हुए कामों से आज की युवा पिढ़ी को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि चार दशक पहले छिंदवाड़ा में जीप से घूमने पर डेढ़ किलो धूल शरीर पर चढ़ जाती थी, अब स्थिति बदल गई है।
कमलनाथ ने कहा कि मुझे अभी मंच पर बैठकर 1979 का वह दिन याद आता है, जब मैंने पहली बार नामांकन भरा था। उस समय मेरी उम्र बहुत कम थी और मुझे राजनीति का बहुत ज्यादा ज्ञान नहीं था। मैं आप सभी के बीच में हाथ जोड़कर आपकी गलियों में, आपके घरों तक आया था, आपसे समर्थन मांगा था। आपके बीच में आकर प्रार्थना की और वोट मांगा था। मैं आज यह बात खुलकर कह सकता हूं कि पिछले 45 सालों से मुझे आपका केवल वोट ही नहीं मिला, बल्कि आपका प्यार भी मुझे मिला है।
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कमलनाथ ने कहा कि मुझे याद है कि आज जहां पर यह बाजार है वह बाजार उस समय नहीं था। जब मैं पहली बार यहां से जीता तो मैंने सोचा था कि मैं क्या करुंगा और कैसे करूंगा? छिंदवाड़ा में उस समय 2000 गांव में से केवल 480 गांव में बिजली थी। तब, मैंने सभी गांवों में बिजली पहुंचाने का काम शुरू किया, मैं गाड़ी से दौरा करता था तो मैंने छिंदवाड़ा को देखा था और मुझे बार-बार एक ही बात याद आती थी कि छिंदवाड़ा के लोगों ने मुझ पर विश्वास किया है और मेरा कर्तव्य है कि छिंदवाड़ा की पहचान बने और छिंदवाड़ा को देश में पहचाना जाए।
कमलनाथ ने आगे कहा कि मैंने खेती के लिए प्रयास करना शुरू किया। जब मैंने छिंदवाड़ा में सोयाबीन की खेती को बढ़ावा देने के लिए काम करना शुरू किया तो लोग मुझ पर हंसते थे कि यह देखो कमलनाथ सोयाबीन में उलझे हुए हैं। लेकिन, आपको पता ही है कि केवल चार साल में छिंदवाड़ा जिला सोयाबीन की फसल में नंबर वन हो गया था और छिंदवाड़ा के लिए भी यह पहली क्रांति थी।
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कमलनाथ ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि उस समय छिंदवाड़ा में न तो कोई पानी की सही व्यवस्था थी, न ही तालाब थे, न ही सिंचाई की व्यवस्था के लिए नहरें थी। संतरे की खेती करने वाले लोगों को मैं बताना चाहता हूं कि उस समय पर लोग मुझे फोन करते थे और मुझसे कहते थे कि मेरा संतरा सड़ रहा है, उसके लिए मुझे रेट दिलवाइये।
कमलनाथ ने कहा कि मुझे बहुत अच्छे से याद है कि उस समय छिंदवाड़ा में कोई बड़ा बाजार नहीं था। उस समय मैं कई जगहों पर गाड़ी से उतर जाया करता था क्योंकि डर रहता था कि कहीं गाड़ी पलट न जाए, उस समय सड़क नहीं थी। उन्होंने बच्चों से कहा कि आपने उस समय का छिंदवाड़ा नहीं देखा। छिंदवाड़ा में कुछ हिस्से ऐसे थे जहां के लोग बाहरी दुनिया से बिल्कुल कटे हुए थे। वह केवल नमक के लिए बाजार आया करते थे। लेकिन, आज आप छिंदवाड़ा को देखिए छिंदवाड़ा को सभी लोग जानते हैं और छिंदवाड़ा के बच्चे आज नई-नई तकनीक के साथ विशेष क्षेत्र में काम भी कर रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि क्या कभी किसी ने यह सोचा था कि छिंदवाड़ा में इलेक्ट्रिक ट्रेन चलने लगेगी, स्टेशन इतना बड़ा हो जाएगा और छिंदवाड़ा से दिल्ली के लिए ट्रेन चलेगी और बाजार इतना बड़ा हो जाएगा। आज यह बदला हुआ छिंदवाड़ा हमारे सामने है। इस बदलाव के आप सभी लोग गवाह भी हैं। मैं आपको बता देना चाहता हूं कि यह काम कोई जादू से नहीं हुआ था, ये सभी काम और विकास आपके विश्वास और प्यार से ही सम्भव हो पाया है।
कमलनाथ ने जनता से कहा कि मेरे जीवन की सबसे बड़ी कमाई आपका प्यार और आपका विश्वास है। आज का यह चुनाव केवल छिंदवाड़ा में नहीं है बल्कि पूरे मध्य प्रदेश में है, यह चुनाव केवल किसी एक पार्टी या किसी एक कैंडिडेट का नहीं है, यह मध्य प्रदेश के भविष्य का चुनाव है।
कमलनाथ ने कहा कि मैं आप सभी को बता देना चाहता हूं कि छिंदवाड़ा की तुलना पूरे मध्य प्रदेश से मत कीजिएगा क्योंकि छिंदवाड़ा में यह डरते हैं। इन्हें पता है कि यहां कमलनाथ है और अपनी कलाकारी यहां नहीं दिखा पाते है। मैं आपको बता देना चाहता हूं कि अगर आप दूसरे जिले में जाएंगे तो आपको पता चलेगा कि वहां का किसान और युवा कितना परेशान है। किसान अपने बीज और खाद के लिए भटक रहा है, युवा रोजगार के लिए भटक रहा है।
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निशा बांगरे का नाम लेते हुए कमलनाथ ने कहा कि मैं पूछता हूं कि इनका गुनाह क्या था? क्या इनका गुनाह केवल इतना ही था कि इन्होंने गृह प्रवेश में एक पूजा रखी और उसके लिए जब छुट्टी मांगी तो सरकार ने इनको प्रताड़ित किया और यह प्रताड़ना इनकी केवल इसलिए हुई क्योंकि यह अनुसूचित जाति से आती हैं। आज की शिवराज सिंह चौहान की सरकार भ्रष्टाचार, महिलाओं पर अत्याचार, अनुसूचित जाति और जनजातियों पर अत्याचार के लिए जानी जाती है।
अंत में कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने 18 सालों में प्रदेश को भ्रष्टाचार दिया, महंगाई दी, बेरोजगारी दी और प्रदेश को पूरा चौपट प्रदेश बनाकर रख दिया है। अब समय आ गया है बदलाव का, अपने भविष्य को चुनने का। इस संबोधन के बाद कमलनाथ एक रोड शो की शक्ल में कलेक्टर ऑफिस पहुंचे और अपना नामांकन दाखिल किया।
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