मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में अध्यात्मिक गुरु भय्यूजी महाराज ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली है। घटना के बाद उन्हें फौरन इंदौर के बॉम्बे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके इस कदम के पीछे पारिवारिक कारण को वजह बताया जा रहा है। हालांकि, घटना के पीछे की असल वजहों का अभी पता नहीं चल पाया है। उन्होंने हाल ही में शादी की थी।
Published: 12 Jun 2018, 3:44 PM IST
जानकारी के मुताबिक भय्यू महाराज ने मंगलवार को इंदौर में अपने स्प्रिंग स्थित घर पर गोली मारकर खुदकुशी कर ली। बताया जा रहा है कि उनके परिवार में संपत्ति को लेकर विवाद हुआ था। बहस के बाद उन्होंने खुद को कमरे बंद कर लिया और कनपटी पर गोली मार ली। वह जमींदार परिवार से थे। सूत्रों के मुताबिक भय्यू महाराज का अंतिम सस्कार बुधवार को किया जाएगा। अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर को उनके बापट चौराहे स्थित सूर्यादय आश्रम में रखा जाएगा। बॉम्बे हॉस्पिटल के डॉ. राहुल पाराशर के मुताबिक भय्यू महाराज को जब अस्पताल लाया गया, उससे आधा घंटे पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी। उन्हें दाईं कनपटी पर गोली लगी थी।
Published: 12 Jun 2018, 3:44 PM IST
पुलिस ने मौके से उस पिस्तौल को बरामद किया है जिससे कथित तौर पर भय्यू महाराजन ने खुद को गोली मारी। आईजी पुलिस मकरंड देवसकर ने बताया कि इस मामले में हर पहलू से जांच की जा रही है और परिवार वालों से भी पूछताछ होगी।
Published: 12 Jun 2018, 3:44 PM IST
खुदकुशी करने से कुछ पहले ही भय्यू महाराज ने ट्वीट कर मासिक शिवरात्रि की शुभकामनाएं दी थीं। उन्होंने लिखा था कि, 'मासिक शिवरात्रि' को 'महाशिवरात्रि' कहते हैं। दोनों पंचांगों में यह चन्द्र मास की नामाकरण प्रथा है, जो इसे अलग-अलग करती है। मै सभी भक्तगणों को इस पवन दिवस की बधाई एवं शुभकामनाये देता हूं।’
Published: 12 Jun 2018, 3:44 PM IST
भय्यूजी महाराज उस समय देश में चर्चा में आये थे जब दिल्ली में चल रहे अन्ना आंदोलन के समय उन्होंने सरकार और आंदोलकारियों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। 2011 में अन्ना हजारे के अनशन को खत्म करवाने के लिए तत्कालीन केंद्र सरकार ने उन्हें अपना दूत बनाकर भेजा था। अन्ना हजारे ने उनके हाथ से जूस पीकर अनशन तोड़ा था।
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1968 में जन्में भय्यू महाराज का असली नाम उदय सिंह देखमुख है। उनका संबंध शुजालपुर के जमींदार परिवार से था। भय्यूजी महाराज पहले एक फैशन डिजाइनर थे, बाद में उनका अध्यात्म की ओर झुकाव हुआ। उन्होंने कपड़ों के एक ब्रांड के लिए मॉडलिंग भी की है। भय्यू जी महाराज का सदगुरु दत्त धामिर्क ट्रस्ट के नाम से एक ट्रस्ट भी चलता है। वे इस ट्रस्ट के जरिये स्कॉलरशिप बांटा करते थे और कैदियों के बच्चों को भी पढ़ाते थे।
Published: 12 Jun 2018, 3:44 PM IST
पीएम बनने से पहले गुजरात के सीएम के रूप में नरेंद्र मोदी ने जब सद्भावना उपवास किया था, तो उस उपवास को तुड़वाने के लिए उन्होंने भय्यूजी महाराज को आमंत्रित किया था। भय्यू जी महाराज के अनुयायियों में कई नामचीन और चर्चित हस्तियां शामिल है।
Published: 12 Jun 2018, 3:44 PM IST
हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। उनके प्रशंसकों में पीएम मोदी से लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का नाम भी शामिल है।
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Published: 12 Jun 2018, 3:44 PM IST