उत्तर प्रदेश के लखनऊ पासपोर्ट विवाद में एक नया मोड़ आया है। लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (एलआईयू) की जांच में सामने आया है कि तन्वी सेठ और अनस सिद्दीकी को नियम के खिलाफ पासपोर्ट जारी किया गया।
मोहम्मद अनस सिद्दीकी की पत्नी तन्वी सेठ (अब सादिया हसन) के लखनऊ आवास पहुंची लोकल इंटेलिजेंस टीम (एलआईयू) की जांच में खुलासा हुआ है कि तन्वी सेठ ने पासपोर्ट बनवाने के लिए विभाग को गलत जानकारी दी थी। उन्होंने लखनऊ में पासपोर्ट का आवेदन किया था और आवेदन में कहा था कि वह लखनऊ में ही रहती हैं। जांच में सामने आया कि तन्वी और उनके पति दोनों लखनऊ में नहीं, बल्कि नोएडा में नौकरी करते हैं और वहीं रहते हैं।
21 जून को लखनऊ के पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा पर तन्वी सेठ और उनके पति अनस सिद्दीकी ने आरोप लगाया था कि हिंदू-मुस्लिम दंपत्ति होने की वजह से दोनों को अपमानित किया गया। मामले के तूल पकड़ने के बाद पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा से स्पष्टीकरण मांगते हुए तत्काल प्रभाव से उनका तबादला गोरखपुर कर दिया गया था। वही तन्वी और उनके पति अनस सिद्दीकी का पासपोर्ट एक घंटे के भीतर जारी कर दिया गया।
अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई देते हुए अधिकारी विकास मिश्रा ने मीडिया के समक्ष अपना पक्ष रखा था। उन्होंने कहा था कि उन्होंने जाति और धर्म के नाम पर कोई टिप्पणी नहीं की थी। उन्होंने बताया कि तन्वी के निकाहनामे में उनका नाम सादिया दर्ज था, जबकि दूसरे कागजात में नाम तन्वी सेठ लिखा हुआ था। ऐसे में उन्होंने तन्वी से कहा था कि एक प्रार्थना पत्र लिखकर दें।
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इस पूरे मामले के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को दक्षिणपंथी रुझान रखने वाले लोगों ने जमकर ट्रोल किया और उनके फेसबुक पेज की रैंकिंग गिराने की मुहिम भी चलाई गई थी। बाद में सुषमा स्वराज ने इसका कड़ा जवाब भी दिया था।
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