दक्षिण अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी के ऊपर 30 नवंबर के आसपास एक ताजा कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है, जो तेज होकर 'चक्रवाती तूफान' में बदल सकता है। भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह बात कही। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 30 नवंबर के आसपास दक्षिण अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है।
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उन्होंने कहा, इसके बाद के 48 घंटों के दौरान और अधिक चिह्न्ति होने और पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। यह दिसंबर के पहले सप्ताह में एक चक्रवाती सिस्टम बन सकता है, जो आंध्र प्रदेश और ओडिशा को प्रभावित करेगा।
उन्होंने कहा कि इसके प्रभाव में, 30 नवंबर और 2 दिसंबर तक दक्षिण अंडमान सागर और इससे सटे दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में अधिकतम 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज हवा चलने की संभावना है।
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डीजी ने कहा, जब यह प्रणाली बंगाल की मध्य खाड़ी में पहुंच जाएगी, तो ओडिशा और आंध्र प्रदेश राज्य इसके प्रभाव का अनुभव करेंगे। महापात्र ने कहा कि यह प्रणाली 3 दिसंबर से ओडिशा के तटीय और आसपास के जिलों में भी बारिश लाएगी। हालांकि, कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद बारिश की संभावित स्थिति और तीव्रता का पता चलेगा।
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आईएमडी डीजी ने किसानों को सलाह दी है कि वे अपने कटे हुए धान और अन्य उपज को सुरक्षित रखें, क्योंकि बारिश होगी। मछुआरों को 2 दिसंबर से पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के गहरे समुद्री क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी गई है, क्योंकि इस अवधि के दौरान समुद्र की स्थिति खराब रहने की संभावना है।
इस बीच, विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) ओडिशा के अधिकारी ने आईएमडी की भविष्यवाणी के मद्देनजर जिला कलेक्टरों को स्थिति की बारीकी से निगरानी करने और आवश्यक एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी है।
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