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लोकसभा चुनाव: 'जिस संविधान ने आरक्षण दिया वह खतरे में है, हमें बीजेपी को सबक सिखाना होगा', लालू यादव का हमला

लालू प्रसाद ने केंद्र में बीजेपी पर प्रहार करते हुए कहा, ‘‘बाबा साहेब आंबेडकर के बनाए संविधान को मिटाने और खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। अगर संविधान नहीं होता तो न आरक्षण होता और न ही लोकतंत्र। हमें उन लोगों को सबक सिखाना होगा जो संविधान को खत्म करना चाहते हैं।’’

फोटो: Getty Images
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राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने बुधवार को आरोप लगाया कि बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर के बनाए जिस संविधान ने वंचित जातियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की उसे ‘मिटाने’ और ‘खत्म’ करने की कोशिश की जा रही है।

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री प्रसाद ने सारण लोकसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। इस सीट का उन्होंने कई बार लोकसभा में प्रतिनिधित्व किया है और इस बार उनकी बेटी रोहिणी आचार्य यहां से किस्मत आजमा रही हैं।

लालू प्रसाद ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर परोक्ष रूप से प्रहार करते हुए कहा, ‘‘बाबा साहेब आंबेडकर के बनाए संविधान को मिटाने और खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। अगर संविधान नहीं होता तो न आरक्षण होता और न ही लोकतंत्र। हमें उन लोगों को सबक सिखाना होगा जो संविधान को खत्म करना चाहते हैं।’’

राजद प्रमुख ने सोमवार को आरोप लगाया था कि भाजपा के नेता खुलेआम फिर से सत्ता में आने पर संविधान को बदलने की बातें कर रहे हैं लेकिन पार्टी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसको लेकर चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि इससे पूर्व आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी आरक्षण की समीक्षा की बात की थी।

हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को कहा कि यह चुनाव उन्हें सजा देगा जो संविधान के खिलाफ हैं एवं देश को ‘‘विकसित भारत’’ बनाने के केंद्र के प्रयासों का विरोध कर रहे हैं।

मोदी ने कहा, ‘‘कांग्रेस और उसके सहयोगी मुझे अपमानित करने के लिए संविधान के नाम पर झूठ बोल रहे हैं। राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) संविधान का सम्मान करता है। मोदी और भाजपा तो क्या स्वयं बाबा साहेब आंबेडकर भी इस संविधान को नहीं बदल सकते हैं, इसलिए विपक्ष झूठ फैलाना बंद करे।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि मोदी को देश का यह पद राजेंद्र बाबू और बाबा साहब आंबेडकर का दिया हुआ है जिन्होंने संविधान का निर्माण किया। उन्होंने कहा कि अगर यह संविधान नहीं होता तो कभी पिछड़े परिवार में पैदा हुआ गरीब का एक बेटा देश का प्रधानमंत्री नहीं बनता।

उन्होंने विपक्ष पर अपना प्रहार जारी रखते हुए कहा, ‘‘वे हमारे संविधान का राजनीतिकरण कर रहे हैं। वे ‘‘संविधान दिवस’’ मनाने के खिलाफ हैं। हमारे लिए संविधान ‘‘आस्था’’ का विषय है।’’

अपनी पुत्री रोहिणी के प्रचार के किए लालू प्रसाद के साथ उनकी पत्नी राबड़ी देवी भी थीं।

सारण सीट को पहले छपरा के नाम से जाना जाता था। यहां से लालू प्रसाद ने 1997 में लोकसभा चुनाव लड़ा था। भाजपा के राजीव प्रताप रूडी इस समय यहां से सांसद हैं जो तीसरी बार निर्वाचित होने के लिए भाजपा की ओर से मैदान में हैं।

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के छोटे बेटे और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले तेजस्वी यादव अब तक अकेले ही पार्टी का प्रचार अभियान संभाले रहे थे। उन्होंने पिता द्वारा अपनी बड़ी बहन के लिए प्रचार करने पर खुशी व्यक्त की।

तेजस्वी ने कहा, ‘‘मेरी बहन ने हमारे माता-पिता की अनुकरणीय सेवा की, वह उसी भावना से लोगों की सेवा करेगी।’’ उनका इशारा आचार्य द्वारा प्रसाद को गुर्दा दान किए जाने की ओर था।

उन्होंने कहा कि ‘‘लोगों की इच्छा थी कि लालू जी उनके बीच आएं। उनकी इच्छा पूरी हुई, यह हम सभी के लिए खुशी की बात है।’’

यह पूछा जाने पर कि राजद सुप्रीमो क्या आगे भी आगे भी चुनाव प्रचार में शामिल होंगे तो तेजस्वी ने कहा, ‘‘वह उनके नेता हैं। उनके नेतृत्व में बिहार में ‘इंडिया’ गठबंधन काम कर रहा है, क्यों नहीं करेंगे।’’

सारण सीट पर लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होगा।

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