लोकसभा चुनाव में छठे चरण के लिए कल यानी 25 मई को वोटिंग होने वाली है। छठे चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले यानी आज सुप्रीम कोर्ट में चुनावी प्रक्रिया को लेकर बेहद अहम सुनवाई होने वाली है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में मांग की गई है कि मतदान खत्म होने के 48 घंटे के भीतर चुनाव आयोग केंद्र-वार मतदान प्रतिशत डेटा अपलोड करें। अपनी वेबसाइट पर फॉर्म 17 C की कॉपी अपलोड करे। इस मामले में चुनाव आयोग ने हलफनामा दाखिल कर याचिका का विरोध किया है।
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चुनाव आयोग ने अपने हलफनामे में मतदान के बाद वोटिंग प्रतिशत के आंकड़ों में किसी भी तरह के अंतर के आरोपों को पूरी तरह से गलत बताते हुए खारिज किया है। चुनाव आयोग का कहना है कि मतदान प्रतिशत और वोटर टर्नआउट डेटा में गड़बड़ी के आरोप भ्रामक, झूठे हैं।
चुनाव आयोग का कहना है कि अगर फॉर्म 17 C की कॉपी वेबसाइट पर अपलोड की गई, तो अफरातफरी मच सकती है। वेबसाइट से कॉपी लेकर उसकी तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ हो सकती है, उससे आम लोगों का चुनावी प्रक्रिया पर भरोसे को नुकसान हो सकता है।ं
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चुनाव आयोग ने अपने हलफनामे में मतदान के बाद वोटिंग प्रतिशत के आंकड़ों में किसी भी तरह के अंतर के आरोपों को पूरी तरह से गलत बताते हुए खारिज किया है। चुनाव आयोग का कहना है कि मतदान प्रतिशत और वोटर टर्नआउट डेटा में गड़बड़ी के आरोप भ्रामक, झूठे हैं।
चुनाव आयोग का कहना है कि अगर फॉर्म 17 C की कॉपी वेबसाइट पर अपलोड की गई, तो अफरातफरी मच सकती है। वेबसाइट से कॉपी लेकर उसकी तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ हो सकती है, उससे आम लोगों का चुनावी प्रक्रिया पर भरोसे को नुकसान हो सकता है।
इस मामले में एडीआर यानी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में वोटिंग के आंकड़ों में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है। इसमें कहा गया कि मतदान के कई दिनों बाद आंकड़े जारी किए गये।
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