मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने गुरुवार को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणापत्र जारी किया, जिसमें नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) जैसे सभी ‘कठोर’ कानूनों को निरस्त करने का वादा किया गया है।
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सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, प्रकाश करात, बृंदा करात और निलोत्पल बसु ने अन्य पार्टी सदस्यों के साथ नई दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में आज 2024 लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी का घोषणापत्र जारी किया। सीपीएम ने मतदाताओं से बीजेपी को हराने, वामपंथ को मजबूत करने और केंद्र में वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष सरकार का गठन सुनिश्चित करने की अपील की है। अपने घोषणापत्र में पार्टी ने इस सिद्धांत के लिए मजबूती से लड़ाई लड़ने का वादा किया है कि धर्म राजनीति से अलग है।
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घोषणापत्र में कहा गया है, "सीपीएम यूएपीए ओर पीएमएलए जैसे सभी कठोर कानूनों को खत्म करने के लिए अडिग है।’’ पार्टी ने कहा कि वह ‘‘घृणास्पद भाषण और अपराधों के खिलाफ एक कानून के लिए लड़ाई लड़ेगी, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’ सीपीएम ने देश के सबसे अमीर वर्ग पर कर लगाने और सामान्य संपत्ति कर और विरासत कर पर एक कानून लाने का भी वादा किया।
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वामपंथी पार्टी ने कहा कि मनरेगा के लिए बजटीय आवंटन दोगुना किया जाना चाहिए और शहरी रोजगार की गारंटी देने वाला एक नया कानून बनाया जाना चाहिए। यहां बता दें कि देश में 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होंगे। इसके बाद छह और चरणों में 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को मतदान होगा। मतगणना चार जून को होगी।
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