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लोकसभा चुनावः भाकपा माले का घोषणापत्र जारी, राज्यपाल पद खत्म करने और मतपत्र से चुनाव का किया वादा

घोषणापत्र जारी करते हुए पार्टी महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार का लगातार तीसरा कार्यकाल हमारे संविधान और संसदीय लोकतंत्र, हमारी सांस्कृतिक विविधता और रोजमर्रा की जिंदगी के लिए ‘‘एक बड़ा खतरा’’ होगा।

भाकपा माले का घोषणापत्र जारी, राज्यपाल पद खत्म करने और मतपत्र से चुनाव का किया वादा
भाकपा माले का घोषणापत्र जारी, राज्यपाल पद खत्म करने और मतपत्र से चुनाव का किया वादा फोटोः IANS

विपक्षी इंडिया गठबंधन में शामिल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) ने सोमवार को पटना में अपना चुनावी घोषणापत्र जारी कर दिया, जिसमें राज्यों में राज्यपाल का पद खत्म करने, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बजाय मतपत्र से चुनाव कराने के ऐलान के साथ बेरोजगारी भत्ता और किसानों के कर्ज माफ करने का वादा किया गया है।

घोषणापत्र जारी करते हुए पार्टी महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार का लगातार तीसरा कार्यकाल हमारे संविधान और संसदीय लोकतंत्र, हमारी सांस्कृतिक विविधता और रोजमर्रा की जिंदगी के लिए ‘‘एक बड़ा खतरा’’ होगा। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी संविधान को ‘‘और अधिक नुकसान पहुंचाने’’ के लिए 400 से अधिक सीट जीतने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है।

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भट्टाचार्य ने कहा कि मतदान मतपत्रों के जरिये कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘ईवीएम में बड़े पैमाने पर हेरफेर की गुंजाइश है और इसलिए इसे बंद किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने यह भी कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया को उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार पारदर्शी बनाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के 10 वर्षों के कार्यकाल में संसदीय लोकतंत्र को इतना दुर्बल कर दिया गया है कि यह खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। हम मांग करते हैं कि राज्यों में राज्यपाल का पद समाप्त किया जाना चाहिए। राज्यपाल केंद्र के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं।’’

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घोषणापत्र में पार्टी ने कहा कि लोगों को निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने का अधिकार दिया जाना चाहिए, दल-बदल पर सदस्यता स्वतः समाप्त होनी चाहिए। भाकपा-माले ने कहा कि रोजगार, पोषण, स्वास्थ्य और आवास के अधिकारों को मौलिक अधिकार घोषित किया जाना चाहिए, भेदभावपूर्ण सीएए-एनआरसी-एनपीआर रद्द किया जाना चाहिए, समान नागरिक संहिता के विचार को खारिज कर दिया जाना चाहिए।

पार्टी ने कहा कि आधार और सभी बायोमेट्रिक से जुड़े पहचान पत्रों और प्रक्रियाओं को खत्म कर देना चाहिए और सभी कल्याणकारी योजनाओं तक सार्वभौमिक पहुंच प्रदान की जानी चाहिए। भाकपा (माले) ने घोषणापत्र में कहा, ‘‘सभी बेरोजगार को भत्ता प्रदान किया जाना चाहिए। निजी क्षेत्र में शिक्षा और रोजगार में वंचित जातियों और समुदायों के लिए आरक्षण लागू किया जाना चाहिए। सशस्त्र बलों में अग्निपथ योजना को खत्म किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन 35000 रुपये प्रति माह तय किया जाना चाहिए।’’

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इसमें कहा गया, ‘‘पुरानी पेंशन योजना बहाल होनी चाहिए। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सभी फसलों के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत न्यूनतम समर्थन मूल्य होना चाहिए।’’ पार्टी ने किसानों के सभी ऋण माफ, सभी कस्बों और शहरवासियों को किफायती आवास, पीने योग्य पानी, स्वच्छता सुविधाएं और नागरिक सुविधाएं मुहैया कराने का वादा किया।

इसमें कहा गया, ‘‘महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों के अनुरूप लाने के लिए व्यक्तिगत कानूनों में सुधार करें तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को रद्द किया जाना चाहिए। शिक्षा बजट को सकल घरेलू उत्पाद के दस प्रतिशत तक बढ़ाया जाना चाहिए।’’ भाकपा माले बिहार में तीन लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ रही है। पार्टी ने पडोसी राज्य झारखंड के कोडरमा से भी अपना उम्मीदवार खड़ा किया है।

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