लोकसभा चुनाव में सारे पैंतरे आजमाने के बाद भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। वह बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई। उसे सिर्फ 240 सीटें ही मिलीं। एनडीए को 293 सीटें मिलीं। वहीं INDIA गठबंधन 233 सीटें मिलीं। इन सबके बीच चर्चा उन नेताओं की हो रही है, जिन्होंने चुनाव से पहले अपना पाला बदला। इन नेताओं ने या तो बीजेपी का दामन थाम लिया या फिर दूसरे दल में चले गए। इन में कई नेताओं ने चुनाव भी लड़ा। ऐसे में सवाल यह है कि पाला बदलकर चुनाव लड़ने वाले कितने नेताओं को जीत मिली और कितनों को हार का सामना करना पड़ा?
चुनाव से पहले जिन नेताओं ने पाला बदला उनमें से ज्यादातर को हार का सामना करना पड़ा है। चुनाव से पहले कुल 13 नेताओं ने पाला बदला था। इनमें 9 को हार का सामना करना पड़ा। जिन नेताओं को हार का सामना करना पड़ा उनमें ज्योति मिर्धा से तपस रॉय तक के नाम शामिल हैं।
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चुनाव से पहले सीबीआई, आयकर विभाग और ईडी के डर से 13 नेताओं ने पाला बदला था। इनमें से 8 बीजेपी में शामिल हुए थे। 7 कांग्रेस से गए और 1 तृणमूल कांग्रेस से झारखंड विकास पार्टी और पीईपी से दो-दो कांग्रेस में शामिल हुए थे। जिन नेताओं ने चुनाव से पहले पाला बदला उनमें महाराष्ट्र में शिवसेना शिंदे गुट की यामिनी जाधव,पश्चिम बंगाल में बीजेपी के तपस रॉय, झारखंड में कांग्रेस के प्रदीप यादव, राजस्थान में बीजेपी की ज्योति मिर्धा जैसे नाम शामिल हैं।
जिन 13 नेताओं ने पाला बदला था। उनमें 9 नेताओं की हार हुई। 7 बीजेपी या उसके सहयोगी दलों के थे। हारने वाले प्रमुख दलबदलुओं में राजस्थान के नागौर से ज्योति मिर्धा, उत्तर प्रदेश के जौनपुर से कृपाशंकर सिंह, कोलकाता उत्तर से तपस रॉय, आंध्र प्रदेश के अराकू से कोथापल्ली गीता, पटियाला से प्रणीत कौर और झारखंड के सिंहभूम से गीता कोड़ा शामिल हैं। वहीं, शिवसेना शिंदे गुट से यामिनी जाधव मुंबई दक्षिण से चुनाव हार गईं। वहीं, कांग्रेस से प्रदीप यादव झारखंड के गोड्डा से चुनाव हार गए।
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