कोरोना वायरस के चलते पंजाब में लॉक डाउन का ऐलान कर दिया गया है। गुरुवार को ही पंजाब में कोरोना वायरस से पहली मौत का मामला सामने आया, जिसकी अधिकारियों ने आधिकारिक पुष्टि भी कर दी है। मृतक का नाम बलदेव सिंह है, जो 70 वर्ष के बुजुर्ग थे और 6 मार्च को इटली से लौटे थे।
बताया जा रहा है कि राज्य के नवांशहर की बंगा तहसील के गांव पठलावा के रहने वाले बलदेव सिंह को मंगलवार रात से खांसी-जुकाम और बुखार की शिकायत के बाद उपचार के लिए बंगा के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन आज सुबह चार बजे करीब उनकी मौत हो गई। हालांकि पहले उनकी मौत की वजह हार्टअटैक बताई गई, लेकिन कोरोना की आशंका के चलते पीजीआई चंडीगढ़ भेजे गए उनके ब्लड सैंपल की रिपोर्ट आई तो खुलासा हुआ कि उनकी मौत कोरोना वायरस से ही हुई है।
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पंजाब में कोरोना वायरस से मौत का यह पहला मामला है। डॉक्टरों की 5 सदस्यीय टीम के दिशानिर्देशों के अनुसार मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया गया और परिवार के सभी सदस्यों को 15 दिन के लिए घर से बाहर न निकलने की हिदायत दी गई है। बलदेव सिंह के पारिवारिक सदस्यों को विशेष ऑबजर्वेशन में रखा गया है और पूरे गांव को सील कर दिया गया है। गांव के हर बाशिंदे की जांच की जा रही है। इसके लिए पीजीआई चंडीगढ़ और दूसरी जगहों से भी डॉक्टर आए हैं।
कोरोना से पहली मौत का मामला सामने आने के बाद राज्य का प्रशासनिक अमला सुपर हाई अलर्ट पर आ गया है। पंजाब सरकार ने आनन-फानन में आंशिक लॉक डाउन का ऐलान कर दिया है। राज्य सरकार के फैसले के मुताबिक राज्य में शुक्रवार रात 12 बजे के बाद सरकारी और निजी बसें नहीं चलेंगीं। ऑटो, टैक्सियों और लोगों को लाने-ले जाने वाले वाहनों पर भी फौरी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री ब्रह्म महिंद्रा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पहले 50 लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी लगाई गई थी, अब इसे 20 तक सीमित कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त मैरिज पैलेस, होटल, रेस्टोरेंट, बैंक्वेट हॉल अगले आदेशों तक मुकम्मल तौर पर बंद रहेंगे। ब्रह्म महिंद्रा के मुताबिक सरकारी दफ्तरों में आम लोगों से संबंधित कामकाज को फिलहाल 'मेडिकल इमरजेंसी' के चलते रोक दिया गया है। सिर्फ जरूरी काम किए जाएंगे। पंजाब बोर्ड की मैट्रिक और 12वीं जमात की परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई हैं। श्मशान घाट में भी 20 से ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं होने के आदेश जारी किए गए हैं।
पंजाब के जनजीवन पर कोरोना वायरस की दहशत का लगातार गहरा असर होता जा रहा है। लोग मंडियों में जाकर बड़े पैमाने पर सब्जियां और राशन खरीद रहे हैं। सब्जी मंडियों से धीरे-धीरे आलू, प्याज और टमाटर गायब होते जा रहे हैं। जालंधर की थोक सब्जी मंडी मकसूदां के बड़े आढ़ती धीरज गर्ग ने बताया कि दो दिनों से इस मार्केट में 30 हजार से ज्यादा लोग आ रहे हैं। पहले ऐसा आलम कभी नहीं देखा गया। ज्यादातर लोग लंबे अरसे तक बची रहने और काम आने वाली सब्जियां खरीद रहे हैं।
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लुधियाना की सबसे बड़ी सब्जी मार्केट के एक विक्रेता नवजीत सिंह अरोड़ा के अनुसार वीरवार को उनके यहां ग्राहकों का आलम यह था कि पूरा स्टॉक चंद घंटों में खत्म हो गया। स्टोर की गईं सब्जियां और फल भी आनन-फानन में बिक गए। लोगों ने 5 लाख रुपए के करीब की खरीदारी की। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। अमृतसर के थोक सब्जी विक्रेता नीरज कुमार शर्मा ने बताया कि उनका पूरा स्टॉक खत्म हो चुका है। पंजाब के अन्य जिलों से भी लगभग ऐसी ही सूचनाएं हैं। पूरे प्रदेश में राशन की दुकानों पर जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है।
हालांकि, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि लोग सावधान रहें, लेकिन दहशत में न आएं। कोरोना वायरस एक गंभीर मसला है लेकिन सरकार अपने तौर पर तैयार है और हर संभव कोशिश रहेगी कि आवाम को दिक्कत न आने दी जाए। 'नवजीवन' ने राज्य में जमीनी हालात का जायजा लेने के दौरान पाया कि लॉक डाउन के हालात दरपेश होने के बाद सूबे में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। कोरोना वायरस ने लोगों को घरों में बंद रहने को मजबूर कर दिया है।
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