कोरोना महामारी की मार झेल रहे बिहार और उत्तर प्रदेश में भारी आंधी-तूफान कहर बनकर टूटा है। पिछले 24 घंटों में आंधी-तूफान के दौरान आकाशीय बिजली की चपेट में आने से अकेले बिहार में 83 लोगों की मौत हो गई। जबकि उत्तर प्रदेश के भी विभिन्न इलाकों में आसमानी बिजली की चपेट में आकर 24 लोगों की जान चली गई। इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग बिजली की चपेट में आने से झुल गए हैं, जिनका इलाज चल रहा है।
Published: 25 Jun 2020, 10:12 PM IST
बिहार में जहां कई जिलों के अलग-अलग क्षेत्रों में गुरुवार को आकाशीय बिजली (वज्रपात) गिरने से 83 लोगों की मौत हो गई, वहीं सबसे अधिक 13 लोगों की मौत अकेले गोपालगंज जिले में हुई। यहां बिजली गिरने की घटना में कम से कम छह लोग घायल हैं। राज्य के आपादा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी अधिकारिक सूचना में कहा गया है कि गुरुवार को राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में वज्रपात की चपेट में आने से 83 लोगों की मौत हुई है।
Published: 25 Jun 2020, 10:12 PM IST
विभाग के मुताबिक, सबसे अधिक 13 लोगों की मौत गोपालगंज जिले में हुई। वहीं आकाशीय बिजली गिरने से मधुबनी और नवादा में 8-8, भागलपुर और सीवान में 6-6, बांका, दरभंगा और पूर्वी चंपारण जिले में 5-5 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा खगडिया और औरंगाबाद में 3-3, जहानाबाद, किशनगंज, पश्चिमी चंपारण, जमुई, पूर्णिया, सुपौल, कैमूर और बक्सर में दो-दो और सारण, शिवहर, समस्तीपुर, मधेपुरा और सीतामढ़ी में वज्रपात से एक-एक लोगों की मौत हुई है।
Published: 25 Jun 2020, 10:12 PM IST
वहीं, उत्तर प्रदेश में भी पिछले 24 घंटों में प्रकृति का कहर लोंगों पर टूट पड़ा। मानसूनी बारिश में राज्य में 24 लोगों की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई। इसमें सर्वाधिक 9 लोगों की मौत देवरिया जनपद में हुई है। उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल बताया, "मानसूनी बारिश के कारण गुरुवार को प्रदेश के विभिन्न जनपदों में आकशीय बिजली गिरने से 24 लोगों की मौत हो गई है। जिनमें कुशीनगर में एक, फतेहपुर में एक, उन्नाव में एक, देवरिया में नौ, बाराबंकी में दो, प्रयागराज में छह, अम्बेडकर नगर में तीन, बलरामपुर में एक व्यक्ती की मौत हो गई।"
स्थानीय लोगों से मिल रही जानकारी के अनुसार देवरिया जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्रों में गुरुवार को बारिश के बीच बिजली गिरने से सात वर्ष की बालिका और किसान समेत नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि नौ लोग बुरी तरह झुलस गए हैं। इनमें से अधिकांश लोग अपने खेतों में काम करने के लिए गए हुए थे, तभी उन पर प्रकृति का कहर टूट पड़ा।
Published: 25 Jun 2020, 10:12 PM IST
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Published: 25 Jun 2020, 10:12 PM IST