इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने इस हफ्ते की शुरुआत में होटल लेवाना सूट में हुई आग की घटना पर स्वत: संज्ञान लिया है, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। कोर्ट ने संबंधित विभागों से एनओसी के बिना राज्य की राजधानी में हाई राइज, कार्मिशियल कॉम्प्लेस और होटलों के निर्माण की जांच नहीं कर पाने पर राज्य के अधिकारियों की विफलता पर नाराजगी व्यक्त की।
Published: undefined
अदालत ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के उपाध्यक्ष और लखनऊ के मुख्य अग्निशमन अधिकारी को निर्देश दिया कि वह अग्निशमन विभाग से एनओसी के बिना शहर में निर्मित भवनों का विवरण की रिपोर्ट पेश करें।
जस्टिस राकेश श्रीवास्तव और जस्टिस बी.आर. सिंह ने घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए आदेश पारित किया। पीठ ने घटना से संबंधित कई समाचार रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लिया। अदालत ने संभागीय आयुक्त रोशन जैकब के मीडिया में दिए गए उस बयान पर भी गौर किया, जिसमें कहा गया कि होटल को अग्निशमन विभाग से एनओसी मिली थी, जबकि इमारत में उचित अग्नि प्रबंधन प्रणाली नहीं थी।
अदालत ने अपने आदेश में एलडीए के वीसी से यह स्पष्ट करने को कहा कि शहर में कितनी इमारतें हैं, जिन्हें फायर एनओसी नहीं दी जानी चाहिए थी, वे इसे हासिल करने में सफल रहीं।गौरतलब है कि इस अग्निकांड में 4 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए थे।
Published: undefined
लखनऊ कमिश्नर की जांच रिपोर्ट में मिली खामियों के अनुसार होटल प्रबंधन ने NOC के लिए ही निकासी के लिए लोहे की सीढ़ियां लगवा दी थीं। इसके अलावा धुआं निकलने की व्यवस्था नहीं थी। और न ही वहां के कर्मचारियों को आग बुझाने की ट्रेनिंग दी गई। होटल जिस जमीन पर चल रहा था, उसका नक्शा तक पास नहीं था। LDA की रिपोर्ट के मुताबिक, जहां पर होटल बना है, वह आवासीय भूमि थी।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined