दिल्ली से सटे गाजियाबाद में मंगलवार को वकीलों का आंदोलन भड़क गया। वकीलों ने कोर्ट परिसर में जमकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और हंगामा किया। इस दौरान वकीलों ने कचहरी जाने का मुख्य रास्ता रोक दिया और कोर्ट परिसर की खिड़कियां तोड़ दीं। वकीलों ने मीडिया कर्मियों से मारपीट भी की और उनके कैमरे और मोबाइल फोन तोड़ दिए। वकीलों का गुस्सा देखकर हंगामा शांत कराने आए पुलिसवाले भी बाहर की तरफ भाग गए।
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दरअसल, दो दिन पहले 14 मई को पुलिस ने एक वकील को पुलिस पर हमले के आरोप में हिरासत में ले लिया था। वकीलों की मांग है कि हिरासत में लिए गए साथी वकील को छोड़ा जाए और फर्जी मुकदमा खत्म किया जाए। नहीं तो हड़ताल जारी रहेगी। फिलहाल, पुलिस ने कचहरी परिसर और आस-पास के इलाके को छावनी तब्दील कर दिया है।
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जानकारी के अनुसार, 14 मई को निवाड़ी थाना के भनेड़ा गांव में रहने वाले गोलू ने फोन करके पुलिस को सूचना दी थी कि उसके साथ लूट हुई है। आरोप गांव के रहने वाले शैंकी और वकील पवन त्यागी पर लगाया। निवाड़ी थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि सूचना पर सब इंस्पेक्टर गौरव कुमार और तीन कॉन्स्टेबल मौके पर पहुंचे। उन्होंने लूट की झूठी सूचना देने के आरोप में वकील पवन त्यागी, गोलू और शैंकी को हिरासत में ले लिया, तभी गांव वाले इकट्ठा हो गए और पुलिस पर हमला कर दिया। दरोगा की वर्दी भी फट गई। इसके बाद पुलिस ने वकील पवन त्यागी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया।
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इसके खिलाफ 15 मई को बार एसोसिएशन गाजियाबाद ने बैठक की। इसमें पुलिस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। कार्रवाई के विरोध में वकील सोमवार को दिनभर हड़ताल पर रहे थे। मंगलवार सुबह जैसे ही वकील कचहरी में पहुंचे। उन्होंने दोबारा से प्रोटेस्ट शुरू कर दिया और जमकर हंगामा किया। फिलहाल वकील अभी शांत हुए हैं, लेकिन कचहरी के मुख्य मार्ग पर डेरा डालकर बैठे हैं।
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