नौकरशाही में 'लेटरल एंट्री' के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार झुक गई है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशानुसार लेटरल एंट्री विज्ञापन रद्द करने के लिए UPSC के अध्यक्ष को पत्र लिखा है। केंद्र सरकार का ये फैसला तब लेना पड़ा जब लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत कई विपक्षी दलों ने सीधी भर्ती में लेटरल एंट्री और उसमें आरक्षण नहीं दिए जाने पर जमकर विरोध किया। इतना ही नहीं सरकार में शामिल सहयोगी दल भी इसके विरोध में थे।
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अब मोदी सरकार द्वारा लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर रोक लगाने को लेकर विपक्ष ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है संविधान जयते ! उन्होंने आगे लिखा- हमारे दलित, आदिवासी, पिछड़े और कमज़ोर वर्गों के सामाजिक न्याय के लिए कांग्रेस पार्टी की लड़ाई ने भाजपा के आरक्षण छीनने के मंसूबों पर पानी फेरा है। Lateral Entry पर मोदी सरकार की चिट्ठी ये दर्शाती है कि तानाशाही सत्ता के अहंकार को संविधान की ताक़त ही हरा सकती है।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी, , कांग्रेस और INDIA पार्टियों की मुहिम से सरकार एक क़दम पीछे हटी है, पर जब तक BJP-RSS सत्ता में है, वो आरक्षण छीनने के नए-नए हथकंडे अपनाती रहेगी। हम सबको सावधान रहना होगा।
उन्होंने आगे कहा कि बजट में मध्यम वर्ग पर किया गया Long Term Capital Gain/ Indexation वाला प्रहार हो, या वक़्फ़ बिल को JPC के हवाले करना हो, या फिर Broadcast Bill को ठंडे बस्ते में डालना हो - जनता और विपक्ष की ताक़त देश को मोदी सरकार से बचा रही है।
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने कहा कि संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हम हर कीमत पर रक्षा करेंगे। भाजपा की ‘लेटरल एंट्री’ जैसी साजिशों को हम हर हाल में नाकाम कर के दिखाएंगे। मैं एक बार फिर कह रहा हूं - 50% आरक्षण सीमा को तोड़ कर हम जातिगत गिनती के आधार पर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेंगे। जय हिन्द।
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वहीं अखिलेश यादव ने कहा कि यूपीएससी में लेटरल एन्ट्री के पिछले दरवाज़े से आरक्षण को नकारते हुए नियुक्तियों की साज़िश आख़िरकार पीडीए की एकता के आगे झुक गयी है। सरकार को अब अपना ये फ़ैसला भी वापस लेना पड़ा है। भाजपा के षड्यंत्र अब कामयाब नहीं हो पा रहे हैं, ये PDA में आए जागरण और चेतना की बहुत बड़ी जीत है।
इन परिस्थितियों में समाजवादी पार्टी ‘लेटरल भर्ती’ के ख़िलाफ़ 2 अक्टूबर से शुरू होनेवाले आंदोलन के आह्वान को स्थगित करती है, साथ ही ये संकल्प लेती है कि भविष्य में भी ऐसी किसी चाल को कामयाब नहीं होने देगी व पुरज़ोर तरीके से इसका निर्णायक विरोध करेगी। जिस तरह से जनता ने हमारे 2 अक्टूबर के आंदोलन के लिए जुड़ना शुरू कर दिया था, ये उस एकजुटता की भी जीत है। लेटरल एंट्री ने भाजपा का आरक्षण विरोधी चेहरा उजागर कर दिया है।
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