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लखीमपुर हिंसा: SIT ने दो किसानों को किया गिरफ्तार, BJP के 3 कार्यकर्ताओं की हत्या का आरोप

शीर्ष अदालत ने नवंबर 2021 में एसआईटी का पुनर्गठन किया था और इसमें नए सदस्यों आईपीएस अधिकारी एस.बी. शिराडकर, प्रीतिंदर सिंह और पद्मजा चौहान, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश राकेश कुमार जैन को लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच करने के लिए शामिल गया था।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में पिछले साल 3 अक्टूबर को किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के बाद हुई हिंसा के दौरान बीजेपी के तीन कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में एसआईटी ने दो किसानों को गिरफ्तार किया है। खबरों के अनुसार, शनिवार को एसआईटी ने दो किसानों 29 वर्षीय कमलजीत सिंह और 35 वर्षीय कवलजीत सिंह सोनू को गिरफ्तार किया है।

वे कथित तौर पर करीब दो महीने से पुलिस से छिपे हुए थे। एसआईटी ने पहले दिनों कुछ संदिग्धों की तस्वीरें जारी की, जिनमें दोनों शामिल थे। उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा और जांच अधिकारी द्वारा उनकी रिमांड कस्टडी मांगी जाएगी। बीजेपी के तीन कार्यकर्ताओं की मौत के मामले में अब तक 6 किसानों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

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एसआईटी ने पहले विचित्र सिंह, गुरविंदर सिंह, अवतार सिंह और रंजीत सिंह को संदिग्धों के रूप में पहचाने जाने के बाद गिरफ्तार किया था। इन मौतों के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी पुत्र आशीष मिश्रा के साथ सह-आरोपी भाजपा कार्यकर्ता सुमित जायसवाल की शिकायत के आधार पर अज्ञात किसानों के खिलाफ हत्या और दंगे के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

सुमित द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में उन पांचों की मौत का जिक्र नहीं था, जिन्हें कथित तौर पर आशीष के काफिले ने कुचल दिया था। हिंसा से संबंधित पहली प्राथमिकी पुलिस ने आशीष और अन्य के खिलाफ किसानों की शिकायत के आधार पर दर्ज की थी। एसआईटी ने उस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया और घटना को नियोजित करार दिया है।

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शीर्ष अदालत ने नवंबर 2021 में एसआईटी का पुनर्गठन किया था और इसमें नए सदस्यों आईपीएस अधिकारी एस.बी. शिराडकर, प्रीतिंदर सिंह और पद्मजा चौहान, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश राकेश कुमार जैन को लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच करने के लिए शामिल गया था।

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