उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में दो दलित नाबालिग सगी बहनों के शव मिलने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले को लेकर विपक्ष सरकार को घेर रही है और कानून व्यस्था पर सवाल उठा रही है। दूसरी ओर योगी सरकार की पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। हालांकि इस मामले में पुलिस ने 4 लोगों को हिरासत में लिया है।
दरअसल, लखीमपुर खीरी में मामले में पुलिस की कार्यशैली इसलिए सवाल उठ रहे हैं। कल देर रात से एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें एसपी संजीव सुमन पीड़ितों के साथ सहानुभूति रखने के बजाय धमाकने वाले लहजे में समझा रहे हैं। एसपी संजीव सुमन चौराहे पर जाम लगाए लोगों से उलझ गए और कहा कि- नेतागिरी मत करो। आगे उन्होंने कहा कि ये धमकी नहीं है, जो आप चाहेंगे वही कार्रवाई होगी, लेकिन नियम कानून को मत छेड़िए। एसपी की इस रवैये पर लोग लगातार सवाल उठा रहे हैं।
पत्रकार 'पत्रकार रोहिणी सिंह ने ट्वीट किया है, 'लखीमपुर में दो दलित बहनों की सबसे भीषण फांसी और इस बेशर्म, संवेदनहीन एसपी को देखिए जो इस समय सड़कों को लेकर ज्यादा चिंतित हैं। सड़कों को लेकर ग्रामीणों और परिवार से उलझ रहे हैं। घिनौना!'
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पत्रकार आलोक पाठक ने कहा कि गजब रवैया है लखीमपुर खीरी के एसपी साहब का बजाए कातिलों को पकड़ने के दो जवान बेटी को खोने वाली बेसुध दलित मां और उनके रिश्तेदारो को तल्ख लहजे मे ग़लत सही समझा रहे हैं।
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वहीं दूसरी ओर विपक्ष भी इस घटना को लेकर सरकार को घेर रही है। बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट करके कहा कि लखीमपुर खीरी में मां के सामने दो दलित बेटियों का अपहरण और दुष्कर्म के बाद उनके शव पेड़ से लटकाने की हृदय विदारक घटना सर्वत्र चर्चाओं में है, क्योंकि ऐसी दुखद और शर्मनाक घटनाओं की जितनी भी निन्दा की जाए वह कम। यूपी में अपराधी बेखौफ हैं क्योंकि सरकार की प्राथमिकताएं गलत।
उन्होंने अगले ट्वीट में कहा कि यह घटना यूपी में कानून-व्यवस्था और महिला सुरक्षा आदि के मामले में सरकार के दावों की जबर्दस्त पोल खोलती है। हाथरस सहित ऐसे जघन्य अपराधों के मामलों में ज्यादातर लीपापोती होने से ही अपराधी बेखौफ हैं। यूपी सरकार अपनी नीति, कार्यप्रणाली व प्राथमिकताओं में आवश्यक सुधार करे।
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वहीं गुरुवार की देर रात कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, 'लखीमपुर (उत्तर प्रदेश) में दो बहनों की हत्या की घटना दिल दहलाने वाली है। परिजनों का कहना है कि उन लड़कियों का दिनदहाड़े अपहरण किया गया था।'
उन्होंने कहा कि 'रोज अखबारों और टीवी में झूठे विज्ञापन देने से कानून व्यवस्था अच्छी नहीं हो जाती। आखिर उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध क्यों बढ़ते जा रहे हैं? कब जागेगी सरकार?'
इससे पहले इस घटना पर अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा था, "निघासन पुलिस थाना क्षेत्र में दो दलित बहनों को अगवा करने के बाद उनकी हत्या और उसके बाद पुलिस पर पिता का ये आरोप बेहद गंभीर है कि बिना पंचनामा और सहमति के उनका पोस्टमार्टम किया गया। लखीमपुर में किसानों के बाद अब दलितों की हत्या ‘हाथरस की बेटी’ हत्याकांड की जघन्य पुनरावृत्ति है।"
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वहीं आप नेता संजय सिंह ने कहा था, "लखीमपुर खीरी में दिल दहला देने वाली घटना दलित समाज की दो बच्चियों की फंदे पर लटकी हुई लाशें मिली है। परिजन निर्मम हत्या का आरोप लगा रहे हैं। घटना के विरोध में लोग सड़कों पर उतर गए। आदित्यनाथ के बेटी बचाओ नारे की पोल खोल रही है ये घटना।"
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बुधवार को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में दलित समुदाय की दो सगी बहनों की लाश गन्ने के खेत में एक पेड़ से लटकी मिली है। निघासन थाना इलाके के तमोलीन पुरवा गांव से बुधवार दोपहर में ही लड़कियों का अपहरण हुआ था, जिसके कुछ देर बाद नजदीकी गन्ने के खेत में एक पेड़ पर दोनों के शव लटके मिले।
मृतक लड़कियों की मां ने बताया था कि वह अपनी 15 और 17 साल की दो बेटियों के साथ घर के बाहर बैठी हुई थी। जब वह घर के अंदर गई थी, तभी वहां बाइक सवार 3 युवक पहुंचे थे और उनमें से दो लड़कों ने उनकी बेटियों को घसीटकर बाइक पर बैठा लिया था और मौके से फरार हो गए थे। महिला के मुताबिक इस दौरान उसके कपड़े भी फट गए थे। उसके बाद दोनों लड़कियों के शव पेड़ से लटके मिले थे।
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