केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और फिर उसकी हत्या के विरोध में चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ और अन्य लोगों के विरोध-प्रदर्शनों के बीच सभी राज्यों के पुलिस बलों को ‘‘हर दो घंटे’’ में स्थिति रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
राज्य पुलिस बलों को भेजे गए संदेश में गृह मंत्रालय ने कहा कि प्रदर्शनों के मद्देनजर सभी राज्यों की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर नजर रखी जानी चाहिए। पुलिस बलों को शुक्रवार को भेजे गए संदेश में कहा गया, ''कृपया इस संबंध में कानून और व्यवस्था की स्थिति की हर दो घंटे की रिपोर्ट आज चार बजे से फैक्स/ ईमेल/ व्हाट्सऐप द्वारा गृह मंत्रालय नियंत्रण कक्ष (नयी दिल्ली) को भेजी जाए।''
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गृह मंत्रालय ने राज्य पुलिस बलों को फैक्स और व्हाट्सऐप नंबर और ईमेल आईडी भी उपलब्ध कराई है, जिस पर हर दो घंटे में स्थिति रिपोर्ट भेजी जाएगी।
देश के विभिन्न हिस्सों में डॉक्टर और अन्य चिकित्सा कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं। प्रदर्शनकारी स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा की जांच के लिए एक केंद्रीय कानून बनाने, अन्य मांगों के अलावा अनिवार्य सुरक्षा अधिकारों के साथ अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित करने पर जोर दे रहे हैं।
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सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात 31 साल की पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के साथ कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया। इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई। चेस्ट मेडिसिन विभाग के सेमिनार हॉल में द्वितीय वर्ष की छात्रा का अर्धनग्न शव मिला था। तभी से डॉक्टर गुस्से में हैं।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हत्या, मौत से पहले की प्रकृति और सेक्सुअल पेनेट्रेशन की बात की कही गई है। कहा गया है कि पीड़िता की हत्या गला घोंटकर की गई थी। उससे पहले उसके साथ बलात्कार हुआ था। इस घटना ने धीरे-धीरे तूल पकड़ा। अब देशभर में इसके विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
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आरजी कर मेडिकल कॉलेज पीड़िता को तत्काल न्याय मिले।
कार्यस्थलों पर स्वास्थ्य पेशेवरों के खिलाफ हिंसा की जांच के लिए एक केंद्रीय कानून बनाई जाए।
डॉक्टरों के लिए बना सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो।
सुरक्षा की ऑडिट हो और तत्काल सुरक्षाकर्मी उपलब्ध हो।
अस्पताल में लगे कैमरा की पूरी रिपोर्ट सामने लाई जाए।
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