कोरोना संकट और लॉकडाउन से हताश अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए मोदी सरकार द्वारा जारी 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज में से आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीसरी किस्त का एलान किया। उन्होंने आज मुख्य तौर पर कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के आधारभूत ढांचे को मजबूती देने के लिए कई तरह के राहतों का ऐलान किया।
अपनी बात की शुरुआत में ही वित्त मंत्री ने कहा कि आज कृषि क्षेत्र के ऊपर बात करेंगे। आर्थिक पैकेज में से राहत की तीसरी किस्त का ऐलान पूरी तरह किसान केंद्रित रहा। इस दौरान वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र के लिए 11 फैसलों का ऐलान किया, जिनमें से 8 फैसले कृषि और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े हैं, जबकि 3 फैसले गवर्नेंस और सुधार के बारे में हैं।
Published: 15 May 2020, 6:10 PM IST
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्र में गवर्नेंस और सुधार के फैसलों के बारे में बताते हुए कहा कि देश में किसानों की निश्चित आय, जोखिम रहित खेती और गुणवत्ता के मानकीकरण के लिए एक कानून बनेगा, जिससे किसानों का उत्पीड़न रुकेगा और किसानों के जीवन स्तर में सुधार आएगा। इसके अलावा सरकार एक केंद्रीय कानून लाएगी जिससे किसान अपनी उपज या उत्पाद को आकर्षक दामों पर दूसरे राज्यों में भी बेच सकेंगे, जिससे उन्हें मनचाही कीमत मिलेगी। सीतारमण ने कहा कि अब अनाज, तिलहन, प्याज, आलू आदि को आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 से मुक्त किया जाएगा, क्योंकि अब देश में प्रचुर उत्पादन होता है। इसलिए इसमें बदलाव जरूरी है।
Published: 15 May 2020, 6:10 PM IST
किसानों के लिए कई तरह के ऐलान करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन ग्रीन का विस्तार टमाटर, प्याज और आलू के अलावा बाकी सभी फल और सब्जियों के लिए भी किया जाएगा। मधुमक्खी पालन के लिए बड़ा ऐलान करते हुए उन्होंने 500 करोड़ रुपये की सहायता का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इससे मधुमक्खी पालन के लिए आधारभूत संरचना का निर्माण किया जाएगा और इससे 2 लाख पालकों की आय बढ़ेगी।
इसके अलावा वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि हर्बल पौधों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 4,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन पौधों की ग्लोबल डिमांड को देखते हुए लगभग 10 लाख हेक्टेयर में हर्बल प्रोड्क्टस की खेती का लक्ष्य है, जिससे किसानों को 5,000 करोड़ की आय होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि गंगा के किनारे 800 हेक्टेयर जमीन पर हर्बल प्रोडक्ट्स के लिए एक कॉरिडोर बनाया जाएगा।
Published: 15 May 2020, 6:10 PM IST
वित्त मंत्री ने पशुपालन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेलेवपमेंट फंड में 15,000 करोड़ रुपये के प्रावधान का ऐलान किया और कहा कि यह दूध उत्पादन और वैल्यू एडिशन के लिए खर्च किए जाएंगे। साथ ही उन्होंने बताया कि सरकारी 53 करोड़ पशुओं के टीकाकरण की योजना लेकर आई है, जिस पर लगभग 13,343 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
कोरोना की वजह से बजट में घोषित 20 हजार करोड़ की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को तत्काल लागू करने का ऐलान करते हुए सीतारमण ने कहा कि इसमें समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में और 9,000 करोड़ रुपये लगाया जाएगा। मछुआरों को नई नौकाएं दी जाएंगी और 55 लाख लोगों को नया रोजगार मिलेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे अगले 5 साल में 70 लाख टन अतिरिक्त मत्स्य उत्पादन होगा जिससे भारत का निर्यात दोगुना बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा।
Published: 15 May 2020, 6:10 PM IST
राहत पैकेज के तहत वित्त मंत्री ने माइक्रो फूड इंटरप्राइज के लिए 10,000 करोड़ की योजना का ऐलान करते हुए कहा कि इससे बिहार में मखाना, केरल में रागी, कश्मीर में केसर, आंध्र प्रदेश में मिर्च, यूपी में आम से जुड़े क्लस्टर बनाए जा सकते हैं, जिसका फायदा करीब 2 लाख माइक्रो फूड इंटरप्राइज को मिलेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दावा किया कि देश में कृषि का आधारभूत ढांचा खड़ा करने के लिए 1 लाख करोड़ की योजना लाई गई। साथ ही उन्होंने दावा किया कि लॉकाडाउन के दौरान पीएम किसान फंड में लगभग 18,700 करोड़ ट्रांसफर किए गए। इसके अलावा इस दौरान पीएम फसल बीमा योजना के तहत 6,400 करोड़ के क्लेम का पेमेंट हुआ। साथ ही उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान भी किसान काम करते रहे हैँ।
Published: 15 May 2020, 6:10 PM IST
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Published: 15 May 2020, 6:10 PM IST