राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कृषि कानूनों पर किसानों और केंद्र सरकार के बीच जारी गतिरोध पर कहा कि जनभावनाओं को देखकर अगर सरकार को कोई कानून वापस लेना पड़े तो लोकतंत्र में इसका स्वागत किया जाता है। केंद्र सरकार को इसे अपनी प्रतिष्ठा का सवाल नहीं बनाना चाहिए। किसान हमारे अन्नदाता हैं और उनकी मांगों को मानना सरकार का नैतिक कर्तव्य है।
Published: 04 Jan 2021, 8:46 AM IST
सरकार के मंत्रियों के साथ वार्ता के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 8 जनवरी 2021 को सरकार के साथ फिर से मुलाकात होगी। उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को वापिस लेने पर और MSP के मुद्दे पर 8 तारीख को फिर से बात होगी। उन्होंने कहा कि हमने सरकार को बता दिया है कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं।
Published: 04 Jan 2021, 8:46 AM IST
नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में किसान संगठनों और सरकार के मंत्रियों के बीच चल रही मीटिंग आज फिर बेनतीजा खत्म हो गई। आज की बैठक में किसान सिर्फ कानून वापसी की मांग पर ही अड़े रहे। दोनों पक्षों के बीच अगले दौर की वार्ता 8 जनवरी को होगी।
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किसान संगठनों के MSP पर लिखित आश्वासन और तीनों कृषि कानूनों को वापस करने की मांग पर सरकार ने कहा एक संयुक्त कमेटी बना देते हैं वो तय करे कि इन तीनों कानूनों में क्या क्या संशोधन किए जाने चाहिए। आजतक ने अपने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि सरकार के इस प्रस्ताव को किसान संगठनों ने खारिज कर दिया।
Published: 04 Jan 2021, 8:46 AM IST
केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों और केंद्र सरकार के बीच सोमवार को एक बार फिर से वार्ता हो रही है। इस वार्ता के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह तीनों कृषि कानूनों को वापस ले ले। इस दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ठंड और बारिश के कारण उपजे कठिन हालातों का भी हवाला दिया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ठंड और बारिश के बीच सड़कों पर डटे हमारे किसानों के हौसले को सलाम। मेरी केंद्र सरकार से अपील है कि आज सोमवार को हो रही बैठक में किसानों की सारी मांगें मानते हुए तीनों काले कानून वापस लिए जाएं।
इससे पहले प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पिछले रविवार को दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पहुंचे थे। किसानों के बीच पहुंचकर मुख्यमंत्री ने केंद्रीय कृषि कानूनों को काला कानून कहा था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का यह आंदोलन अब आर-पार की लड़ाई हो चुका है।
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किसान संगठनों के नेताओं और सरकार के बीच सावें दौर की बातचीत विज्ञान भवन में शुरू हो गई है।तीन कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसान नेताओं के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में वार्ता शुरू हो गई है। किसान आंदोलन के 40वें दिन में प्रवेश करने के बाद दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल किसान संगठनों के 41 प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे हैं।
Published: 04 Jan 2021, 8:46 AM IST
किसानों के साथ सरकार की बैठक पर कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि देश सरकार की तरफ देख रहा है। सरकार से आग्रह है कि किसानियत नहीं तो कम से कम इंसानियत को देखते हुए, प्रजा की बात मानने से कोई शासक छोटा नहीं होता।
Published: 04 Jan 2021, 8:46 AM IST
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार एक तरफ तो किसानों को बातचीत के लिए बुलाती है दूसरी तरफ इस कड़कड़ाती ठंड में उन पर आंसू गैस के गोले बरसा रही है। इसी अड़ियल और क्रूर व्यवहार की वजह से अब तक लगभग 60 किसानों की जान जा चुकी है। किसान कैसे विश्वास करे इस क्रूर सरकार पर?
Published: 04 Jan 2021, 8:46 AM IST
किसान संगठनों के नेता सरकार से अगले दौर की बातचीत के लिए सिंघु बॉर्डर से विज्ञान भवन पहुंच गए हैं।
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केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि हम आज एक सकारात्मक समाधान पाएंगे। हम किसानों के साथ होने वाली बैठक में सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
Published: 04 Jan 2021, 8:46 AM IST
सरकार और किसान संगठनों के बीच आज दोपहर दो बजे बैठक होनी है। किसान नेताओं ने बस में बैठना शुरू कर दिया है। कुछ देर में सिंघु बॉर्डर से किसान बैठक के लिए रवाना होंगे।
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आज सरकार के साथ होने वाली बैठक पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि उम्मीद है कि सरकार बात मान ले, अगर मांगें पूरी नहीं होती तो आंदोलन चलेगा।
Published: 04 Jan 2021, 8:46 AM IST
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर सुरक्षा बल तैनात है। आज किसानों और केंद्र सरकार की बैठक होगी।
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गाज़ीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन 38वें दिन भी जारी है। प्रदर्शन में बौध भिक्षुओं ने हिस्सा लिया।एक बौध भिक्षु ने बताया, "हम लखनऊ से आए हैं।किसान सड़क पर है इसलिए हम मठों को छोड़ किसानों के साथ आए हैं।जब तक कानून वापस नहीं होंगे हम नहीं जाएंगे।"
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किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा कि अगर आज तीनों कानूनों को निरस्त करने की बात नहीं बनती और MSP गारंटी का कानून नहीं आता तो हमारे अगले कार्यक्रम पहले से ही तैयार हैं। 6 जनवरी को ट्रैक्टरों पर मार्च किया जाएगा, 7 जनवरी को देश को जगाने की कवायद शुरू होगी।
Published: 04 Jan 2021, 8:46 AM IST
नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के एक संगठन ने तीन दिन पहले हरियाणा-राजस्थान सीमा पर बैरिकेड तोड़कर हरियाणा के रेवाड़ी जिले में प्रवेश किया था। अब वे गुरुग्राम में प्रवेश कर सकते हैं। राजस्थान के श्री गंगानगर से आंदोलनकारी किसानों के एक समूह ने रविवार शाम को राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ने का एक और प्रयास किया। इसी के चलते गुरुग्राम से करीब 17 किमी दूर रेवाड़ी के सांघवाड़ी गांव के पास पुलिस से झड़प हो गई।
हरियाणा पुलिस ने उन्हें पानी की तोपों और आंसूगैस का इस्तेमाल करते हुए रोकने का प्रयास किया, क्योंकि उनके नेताओं ने उनसे राष्ट्रीय राजधानी की ओर न जाने का आग्रह किया था।
पुलिस के अनुसार, किसानों ने लगभग 50 ट्रैक्टरों के जरिए शाम साढ़े छह बजे के आसपास बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें रोक दिया गया।
पुलिस ने कहा, हमने उन्हें बैरिकेड तोड़ने से रोकने के लिए लाठीचार्ज का सहारा नहीं लिया, लेकिन उन्हें रोकने के लिए हमें पानी की तोपों और आंसूगैस के गोले का इस्तेमाल करना पड़ा।
हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि अगले कुछ दिनों में किसान का गुरुग्राम में प्रवेश हो सकता है।
ऐसे प्रयासों को देखते हुए गुरुग्राम पुलिस ने गुरुग्राम-रेवाड़ी सीमा पार अपनी सुरक्षा बढ़ा दी है और किसानों के गुरुग्राम में प्रवेश रोकने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
Published: 04 Jan 2021, 8:46 AM IST
बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार के साथ कई मुद्दों पर चर्चा होनी है। सरकार को समझना चाहिए, किसान इस आंदोलन को अपने दिल में ले गया है और कानूनों को निरस्त करने से कम नहीं समझेगा। स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागू करना चाहिए और MSP पर कानून बनाना चाहिए।
Published: 04 Jan 2021, 8:46 AM IST
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Published: 04 Jan 2021, 8:46 AM IST