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किसानों के प्रदर्शन को रोकने के लिए खट्टर सरकार ने लगाया जोर, प्रदेश भर में किसान गिरफ्तार, दिल्‍ली बार्डर सील

सरकार के दमनकारी रवैये के बावजूद किसान दिल्‍ली जाने के लिए अडिग हैं। किसान नेताओं ने कहा कि अगर केन्द्र सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो किसानों का प्रदर्शन अनिश्चितकालीन विरोध में तब्‍दील हो जाएगा। मुख्य मांगों में तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द करना और बिजली कानून-2020 को वापस लेना शामिल है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

केंद्र सरकार के तीनों विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के मूड को देखकर बीजेपी सरकारों के पैरों तले से एक बार फिर जमीन खिसकती नजर आ रही है। तभी किसानों के ‘दिल्‍ली चलो’ को रोकने के लिए हरियाणा की खट्टर सरकार अपनी पूरी ताकत के साथ उतर आई है। रात से ही पूरे हरियाणा में सरकार ने किसानों की गिरफ्तारी शुरू कर दी और हरियाणा-दिल्‍ली बार्डर को सील कर दिया है। वहीं, किसानों का कहना है कि सरकार नहीं मानी तो यह आंदोलन अनिश्चितकालीन विरोध में परिवर्तित हो जाएगा।

26-27 नवंबर को दिल्‍ली में प्रस्तावित प्रदर्शन के लिए किसानों के कूच को रोकने के लिए हरियाणा सरकार सोमवार रात से ही किसान नेताओं की धर-पकड़ पर उतर आई। सिरसा के भगत सिंह स्टेडियम में 50 दिन से चल रहे पक्का मोर्चा से रात में किसान नेता प्रह्लाद सिंह भारूखेड़ा को पुलिस बिना किसी को सूचना दिए उठा ले गई। उनकी पत्नी पुलिस स्टेशनों में जाकर पति के बारे में पूछताछ कर रही हैं।

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वहीं सिरसा-डबवाली हाईवे पर खुइयां मलकाना में टोल प्लाजा पर महीने भर से शांतिपूर्वक धरने पर बैठे किसान नेता एसपी मसीतां सहित अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। इसके अलावा रतिया में मनदीप नथवान और रामचन्द्र सहनवाल, तोशाम से रमेश पांघाल, सुभाष गुज्जर यमुनानगर, रवि आजाद भिवानी, बहादुरगढ़ से प्रदीप धनखड़ सहित पूरे राज्‍य से बड़ी तादाद में किसान नेताओं को हिरासत में लेने की खबर है। मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने खुद इस बात की तस्‍दीक की है कि एहतियात के तौर पर पुलिस ने कुछ गिरफ्तारियां की हैं।

वहीं, सरकार ने किसानों को दिल्‍ली पहुंचने से रोकने के लिए अपने पूरे तंत्र को लगा दिया है। सीएम का कहना है कि किसानों के दिल्‍ली कूच को वह उचित नहीं मानते हैं। इसे रोकने के लिए और कानून-व्‍यवस्‍था बनाए रखने के लिए सख्‍त कदम उठाने की योजना बनाई गई है। आम लोग भी कम से कम 25 और 26 नवंबर को जीटी रोड पर न आएं। उन्‍होंने कहा कि दिल्‍ली जाने से भी लोग बचें, क्‍योंकि वहां भी दिल्‍ली बार्डर पर सरकार सख्‍ती बरतेगी। सीएम ने कहा कि दो दिन के लिए बार्डर सील रहेंगे।

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हरियाण पुलिस की तरफ से भी एक ट्रैवल एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें कहा गया है कि 25 और 26 नवंबर को सड़क के जरिये पंजाब से हरियाणा में प्रवेश करने वाले स्थानों और 26 व 27 नवंबर को हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश करने वाले स्थानों पर यातायात-अवरोधों का सामना करना पड़ सकता है। पुलिस विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि किसान संगठनों की ओर से 26 व 27 नवंबर को ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया गया है, उसके मद्देनजर राज्य में कानून व्यवस्था, यातायात और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं।

पुलिस के अनुसार हरियाणा से दिल्ली जाने वाले प्रदर्शनकारियों का मुख्य फोकस चार प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग अंबाला से दिल्ली, हिसार से दिल्ली, रेवाड़ी से दिल्ली और पलवल से दिल्ली होंगे। अंबाला जिला के शंभू बॉर्डर, भिवानी के गांव मुढ़ाल चौक, करनाल जिला के घरौंडा अनाज मंडी, झज्जर के बहादुरगढ़ में टिकरी बॉर्डर तथा सोनीपत जिले के राई राजीव गांधी एजुकेशन सिटी में भी प्रदर्शनकारियों के एकत्रित होने का आह्वान किया गया है। पुलिस प्रवक्‍ता ने बताया कि यह भी संभव है कि पुलिस की ओर से पंचकूला, अंबाला, कैथल, जींद, फतेहाबाद और सिरसा जिलों में सड़कों के माध्यम से पंजाब से हरियाणा में प्रवेश करने वाले बॉर्डर प्वाइंट पर 25, 26 और 27 नवंबर को यातायात को मोड़ा जा सकता है या सड़क को बंद किया जा सकता है।

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इसी प्रकार, दिल्ली की ओर जाने वाले चार प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों, यानी अंबाला से दिल्ली, हिसार से दिल्ली, रेवाड़ी से दिल्ली और पलवल से दिल्ली की तरफ भी अंबाला जिले के शंभू बॉर्डर, भिवानी के गांव मुढ़ाल चौक, करनाल जिले की घरौंडा अनाज मंडी, झज्जर के बहादुरगढ़ में टिकरी बॉर्डर तथा सोनीपत जिले के राई राजीव गांधी एजुकेशन सिटी से यातायात को मोड़ा या सड़क को अवरुद्ध किया जा सकता है। सभी जिलों को भी ‘दिल्ली चलो’ प्रदर्शन को लेकर स्थानीय-सलाह (लोकल एडवाइजरी) जारी करने का निर्देश दिया गया है।

राज्य के मुख्य सचिव विजय वर्द्धन ने पुलिस विभाग को जिलों से समन्वय स्थापित करने के लिए कंट्रोल रूम बनाने के निर्देश दिए हैं। शंभु बार्डर, घरौंडा व मुंढाल आदि में, जहां अधिक किसानों के एकत्रित होने की संभावना है, वहां अतिरिक्त पुलिस बल लगाने के लिए कहा है। मुख्‍य सचिव ने अन्य राज्यों से हरियाणा में आ रहे राजमार्गों पर बैरिकेडिंग करने के भी निर्देश दिए हैं।

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लेकिन किसान भी दिल्‍ली जाने के लिए अडिग हैं। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने कहा है कि अगर केन्द्र सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो किसानों का विरोध अनिश्चितकालीन विरोध में तब्‍दील हो जाएगा। 26 नवंबर से शुरू होकर ‘दिल्ली चलो’ का अनिश्चितकालीन संघर्ष पूरी ताकत के साथ आरंभ किया जा चुका है। मुख्य मांगों में तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द करना और बिजली कानून-2020 को वापस लेना शामिल है।

किसानों के प्रदर्शन के लिए पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों से दसियों हजार किसान दिल्ली के लिए चल चुके हैं। कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से भी सैकड़ों की संख्या में किसान नेता चलकर दिल्ली पहुंच रहे हैं। एआईकेएससीसी के राष्ट्रीय वर्किंग ग्रुप ने हरियाणा की बीजेपी सरकार द्वारा किसानों के दमन और कल रात से की जा रही गिरफ्तारियों की कड़ी निंदा की है।

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किसान नेताओं ने कहा है कि केंद्र सरकार जनविरोधी नीतियों के खिलाफ नागरिकों के विरोध करने के जनवादी अधिकार को दबाने के लिए कोविड-19 के खतरे का इस्तेमाल कर रही है। किसान संघर्ष समन्‍वय समिति ने कहा कि दिल्ली से दूर, जहां से रेल सेवा की कमी के कारण दिल्ली पहुंचना कठिन है, वहां तालुका, जिला, राज्य स्तर पर विरोध आयोजित किए जा रहे हैं। झारखंड में राजधानी में राजभवन की ओर मार्च किया जाएगा। कर्नाटक में 1000 स्थानों पर ग्रामीण कर्नाटक बंद आयोजित होगा। 26 नवंबर को तमिलनाडु में 500 स्थानों पर रास्ता रोको और रेल रोको आयोजित होगा, जिसमें मजदूर भी किसानों का साथ देंगे।

किसान नेताओं ने आगे बताया कि जिला और तालुका स्तर पर पूर्वी उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में विरोध आयोजित होंगे। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 26 नवंबर को ग्रामीण हड़ताल होगी और केंद्र सरकार के कार्यालयों पर सभी जिलों में 27 नवंबर को प्रदर्शन किये जाएंगे। आंध्र प्रदेश में 27 नवंबर को बिजली बिल और सुधारों के खिलाफ सब स्टेशनों पर प्रदर्शन किए जाएंगे। दक्षिण ओडिशा में 26 नवंबर को संपूर्ण बंद आयोजित होगा और 27 को विरोध प्रदर्शन आयोजित होंगे। 26 और 27 नवंबर को बिहार के सभी ब्लाक मुख्यालयों पर धरने प्रदर्शन होंगे, जिसमें नवनिर्वाचित विधायक भी भाग लेंगे।

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