विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को राज्यसभा में आरोप लगाया कि सरकार 12 सांसदों का निलंबन रद्द करने पर विचार नहीं कर विपक्ष को सदन को बाधित करने के लिए मजबूर कर रही है। खड़गे ने कहा, "सरकार अपने फैसले पर विचार नहीं कर रही है, और चूंकि आप (अध्यक्ष) सदन के संरक्षक हैं, हम अनुरोध करते हैं कि निलंबन रद्द किया जाए। सरकार का अड़ियल नजरिया विपक्ष को सदन को बाधित करने के लिए मजबूर करना है, इसलिए हम वॉकआउट करने का फैसला करते हैं।"
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सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सदन को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया और कहा कि दोनों पक्षों को मामले को सुलझाना चाहिए।
इससे पहले, कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा, "सदन के नेता यहां हैं और हम अनुरोध करते हैं कि निलंबन रद्द किया जाए।" इसका डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने समर्थन किया।
निलंबित सांसदों में कांग्रेस के सैयद नसीर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह, फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, शिवसेना से प्रियंका चतुवेर्दी, अनिल देसाई, सीपीआई-एम के एलाराम करीम, सीपीआई के बिनॉय विश्वम और तृणमूल कांग्रेस के डोला सेन और शांता छेत्री हैं।
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