कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को देश की भूखमरी की समस्या को नजरंदाज नहीं करना चाहिए। उन्होंने विश्व भूखमरी सूचकांक (हंगर इंडेक्स) में भारत की लगातार गिरती स्थिति का जिक्र किया।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि केंद्र सरकार को बजाए किसी एजेंसी की रिपोर्ट को खारिज करने के इस समस्या की तरफ ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीते 8 साल में इस मोर्चे पर हम लगातार पिछड़ रहे हैं और सरकार के आंकड़े भी ऐसा ही बताते हैं।
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उन्होंने कहा, “दिवाली दरअसल अज्ञानता पर जागरुकता की जीत का त्योहार है, यह ऐसा त्योहार है जिसे जीवन की नई आशाओं और सपनों के साथ मनाया जाता है।” उन्होंने दिवाली के मौके पर देशवासियों को दिवाली की शुभकामनाएं भी दीं।
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ध्यान रहे कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की स्थिति गिरने पर केंद्र सरकार ने कहा था कि यह भ्रमित करने वाली सूचना है। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने तो बाकायदा बयान जारी किया था। बयान में कहा गया था कि, “"सूचकांक भूख का एक गलत माप है और इसमें गंभीर खामियां हैं। सूचकांक की गणना के लिए उपयोग किए जाने वाले चार संकेतकों में से तीन बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित हैं और इसलिए यह पूरी आबादी का प्रतिनिधि नहीं हो सकते हैं। चौथा और सबसे महत्वपूर्ण संकेतक कुपोषित (पीओयू) आबादी के अनुपात का अनुमान सिर्फ 3,000 नमूनों पर आधारित है, जो सही नहीं हो सकता।”
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बता दें कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट को कंसर्न वर्ल्डवाइड एंड वेल्ट हंगर हाईलाइफ नाम का एक एनजीओ जारी करता है। इस साल की रिपोर्ट में भारत की स्थिति 121 देशों के बीच 107वीं है। इस इंडेक्स को दुनिया भर के देशों और इलाकों में भूखमरी की स्थिति का आंकलन करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसका मकसद लोगों और राष्ट्रों के बीच भूख को लेकर जागरुकता लाना है।
इस रिपोर्ट के जरिए उन क्षेत्रों को सचेत भी किया जाता है जहां स्थिति गंभीर होती है। ध्यान रहे कि संयुक्त राष्ट्र के सस्टेनेबल गोल्स में भी 2030 तक भूख को लेकर जीरो हंगर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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