हालात

केरलः CPM नेताओं की मजबूरी बना वीआरएस, विजयन की गुड बुक में शामिल नहीं होना बन रहा कारण

केरल में सीपीआईएम के कई दिग्गजों के साथ जो हुआ है, उसमें सामान्य फेक्टर यह है कि वे किसी कारणवश विजयन की गुड बुक में शामिल नहीं हैं। विजयन 2016 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से पार्टी में अंतिम शब्द हैं और जो वह सोचते हैं वही पार्टी में होता है।

फोटोः IANS
फोटोः IANS 

सरकारी सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) का विकल्प चुनना काफी आम है, लेकिन ऐसा लगता है कि यह राजनीति में भी लोगों की पसंद बनता जा रहा है, खासकर सीपीआई (एम) की केरल इकाई में। राज्य में सक्रिय सीपीआईएम के कुछ नेता राजनीति से अलविदा लेकर नया ट्रेंड बना रहे हैं।

ऐसा करने वाले पहले व्यक्ति सीपीएम के गढ़ तालीपरम्बा से तत्कालीन दो बार के विधायक 61 वर्षीय जेम्स मैथ्यू थे। जब जेम्स मैथ्यू को ऐसा लगा कि तीसरी बार उनके नाम पर विचार नहीं किया जाएगा तो उन्होंने सक्रिय राजनीति से हटने का फैसला किया। सीपीएम में छात्र राजनीति से उठे मैथ्यू एक सम्मानित राजनीतिज्ञ थे। यहां तक कि विपक्षी खेमे भी उनके व्यवहार और विषयों के ज्ञान के कारण उनका सम्मान था।

Published: undefined

कतार में अगला कोई और नहीं बल्कि वर्तमान सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा संयोजक और पार्टी केंद्रीय समिति के सदस्य ईपी जयराजन हैं। ईपी जयराजन को अक्सर राज्य उद्योग मंत्री होने के कारण पहली पिनाराई विजयन सरकार 2016 से 21 में नंबर दो के रूप में जाना जाता था। लेकिन साल 2021 के विधानसभा चुनावों के लिए उन्हें बाहर रखा गया था।

Published: undefined

पार्टी के मौजूदा सचिव कोडियेरी बालाकृष्णन की सेहत बिगड़ती जा रही है, यह जानकर जयराजन के लिए उम्मीदें बढ़ गईं। लेकिन, उन्हें पहला झटका तब लगा जब उनके जूनियर पार्टी के सहयोगी और मौजूदा राज्य मंत्री एमवी गोविंदन को सचिव बनाया गया और उन्हें पोलित ब्यूरो की सदस्यता भी दी गई। कन्नूर के रहने वाले 72 वर्षीय जयराजन भी नजरअंदाज किए जाने के बाद सक्रिय राजनीति से अलविदा कह रहे हैं।

Published: undefined

रिपोर्ट के अनुसार, एक अन्य नेता 66 वर्षीय सुरेश कुरुप जो चार बार के लोकसभा सदस्य और दो बार के विधायक हैं, वे भी सक्रिय राजनीति से अलविदा कह रहे हैं। कोट्टायम के रहने वाले 66 वर्षीय सुरेश कुरुप अपने मिलनसार स्वभाव और अच्छे व्यवहार के लिए जाने जाते हैं। एक मीडिया समीक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि इन तीन दिग्गजों के साथ जो हुआ है, उसमें सामान्य फेक्टर यह है कि वे किसी कारणवश विजयन की गुड बुक में शामिल नहीं हैं।

Published: undefined

कौन नहीं जानता कि विजयन 2016 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही पार्टी में अंतिम शब्द हैं और जो वह सोचते हैं वही पार्टी में होता है। ये सभी छोटे आश्चर्य हैं और जल्द ही बड़ा होने की उम्मीद है जब वह अपने दामाद को राज्य के पर्यटन और पीडब्ल्यूडी मंत्री पीए मोहम्मद रियास को अपना उत्तराधिकारी बनाएंगे।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined

  • छत्तीसगढ़: मेहनत हमने की और पीठ ये थपथपा रहे हैं, पूर्व सीएम भूपेश बघेल का सरकार पर निशाना

  • ,
  • महाकुम्भ में टेंट में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड के उपयोग पर लगा पूर्ण प्रतिबंध, सुरक्षित बनाने के लिए फैसला

  • ,
  • बड़ी खबर LIVE: राहुल गांधी ने मोदी-अडानी संबंध पर फिर हमला किया, कहा- यह भ्रष्टाचार का बेहद खतरनाक खेल

  • ,
  • विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले कांग्रेस ने महाराष्ट्र और झारखंड में नियुक्त किए पर्यवेक्षक, किसको मिली जिम्मेदारी?

  • ,
  • दुनियाः लेबनान में इजरायली हवाई हमलों में 47 की मौत, 22 घायल और ट्रंप ने पाम बॉन्डी को अटॉर्नी जनरल नामित किया