केरल में शिवसेना ने चेतावनी दी कि अगर सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल तक की महिलाओं को प्रवेश की इजाजत दी गई तो उसके कार्यकर्ता सामूहिक आत्महत्या करेंगे। शिवसेना के वरिष्ठ नेता पी अजी ने कहा कि आत्मघाती दस्ते में 50 से अधिक पुरुष और महिलाएं शामिल होंगे, जो परम त्याग के लिए तैयार हैं।
पी अजी ने कहा कि मंदिर के अंदर और बाहर अलग-अलग जगहों पर हमारे सदस्य तैनात हैं। अगर किसी महिला को मंदिर में प्रवेश की इजाजत दी जाएगी तो दस्ते के सदस्य अपनी जान दे देंगे। अजी ने कहा, “हम चाहते हैं कि मंदिर की परंपरा और संस्कृति की रक्षा हो और यही हमारी मांग है। हमारे सैकड़ों कार्यकर्ता 17 अक्टूबर को मंदिर पहुंचेंगे और प्रसिद्ध मंदिर के सभी प्रवेश द्वारों की सुरक्षा में जुटेंगे।”
शिवसेना की इस चेतावनी के बाद सब की निगाहें मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अगुवाई वाली सरकार के कदम पर होंगी कि राज्य सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करेगी।
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28 सितंबर, 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सभी उम्र की महिलओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की इजाजत दे दी थी। फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा था, “महिलाएं समाज में बराबर की हिस्सेदार हैं। पुरानी मान्यताएं और पितृसत्तात्मक सोच आड़े नहीं आनी चाहिए। समाज को अपनी सोच बदलनी पड़ेगी। यह कहते हुए कोर्ट ने 53 साल पुरानी परंपरा को खत्म कर दिया था।
केरल के पत्थनमथिट्टा जिले में पश्चिमी घाट की एक पहाड़ी पर सबरीमाला मंदिर स्थित है। महिलाओं के प्रवेश को लेकर इसके प्रबंधन का कहना था कि रजस्वला होने की वजह से 10 से 50 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाएं अपनी व्यक्तिगत शुद्धता (मासिक धर्म) बनाये नहीं रख सकती हैं, यही कारण है कि इस वर्ग की महिलाओं का प्रवेश मंदिर में वर्जित था।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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