केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को दी गई चुनौती वाली याचिका पर सुप्रिम कोर्ट आज सुनवाई करेगा।कप्पन ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है जिस पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए राजी हो गया। 3 अगस्त को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने हाथरस के में दलित लड़की के साथ सामूहिक रेप तथा हत्या के मामले में माहौल में तनाव होने के बाद भी वहां जाने के प्रयास करने वाले पत्रकार सिद्दीक कप्पन को राहत नहीं दी थी।
आपको बता दें, कप्पन के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम का मामला दर्ज करने के बाद उनको जेल भेजा गया है, फिलहाल कप्पन मथुरा जिला जेल में बंद है। यह आदेश जस्टिस कृष्ण पहल की एकल पीठ ने सिद्धीक कप्पन की जमानत याचिका को खारिज करते हुए यह आदेश पारित किया।
इसके पूर्व अदालत ने दो अगस्त को अभियुक्त तथा सरकार की ओर से पेश वकीलों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। कप्पन को अक्टूबर 2020 में उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वह हाथरस में दलित लड़की के साथ गैंगरेप व हत्या के मामले में हाथरस जा रहे थे।
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मलयाली न्यूज पोर्टल अझिमुखम के लिए फ्रीलांसिंग करने वाले कप्पन मथुरा में टोल प्लाजा के पास 5 अक्टूबर, 2020 को गिरफ्तार
उस समय कार में सवार तीन अन्य लोग और कारचालक भी गिरफ्तार। कैब चालक समेत सभी पर एक ही मुकदमा.
7 अक्तूबर, 2020 को मथुरा जिले के मांट पुलिस स्टेशन में एफआईआर
यूपी पुलिस की तरफ से 5,000 पेज की चार्जशीट अप्रैल, 2021 में फाइल, लेकिन उसकी कॉपी उनकी पत्नी को भी नहीं. वकीलों को भी दिए इसके सिर्फ 140 पेज.
अप्रैल, 2021 में कप्पन कोविड पॉजिटिव. जेल के बाथरूम में गिरने से बुरी तरह घायल. मथुरा के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती.
सीजेआई के सामने आवेदन कि उन्हें अस्पताल में इस तरह रखा गया है, मानो 'किसी जानवर को बेड से बांध दिया गया हो' और इससे न वह खा सकते हैं, न कहीं टहल सकते हैं, टॉयलेट जाने में भी परेशानी है. निगेटिव होने पर वापस मथुरा जेल शिफ्ट.
बेहतर इलाज के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 1 मई, 2021 को जेल डॉक्टर और डिपुटी जेलर के साथ एम्स, दिल्ली शिफ्ट। लेकिन उनके वकीलों तक को भी सूचना दिए बिना ही एक सप्ताह के अंदर ही वापस मथुरा जेल शिफ्ट.
छह महीने के अंदर चार्जशीट दाखिल नहीं. जून, 2021 में मांट सबडिविजनल मजिस्ट्रेट ने सीआरपीसी की धारा 151 से उन्हें मुक्त किया, पर कई अन्य मुकदमे होने की वजह से जुलाई, 2021 में उनकी जमानत याचिका रद्द.
दिसंबर, 2021 में उनका केस लखनऊ की विशेष अदालत में शिफ्ट. इसके साथ ही वह भी लखनऊ जेल शिफ्ट.
यूएपीए के तहत उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ फरवरी, 2022 में याचिका.
फरवरी, 2022 में उनकी जमानत के लिए याचिका दायर. सुनवाई इतनी बार टली कि कप्पन के वकीलों की बहस 27 जुलाई को खत्म हुई। 2 अगस्त को हाईकोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रखा. एक दिन बाद याचिका रद्द करने का आदेश
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