केरल में 10 दिनों से प्रलय मचा रही बाढ़ से अब तक 167 लोगों की मौत हो चुकी है। शुक्रवार को एक दर्जन से ज्यादा हेलीकॉप्टरों के जरिए सैकड़ों सुरक्षा कर्मियों, एनडीआरफ टीमों और मछुआरों ने अपनी मोटर बोटों के जरिए व्यापक बचाव अभियान छेड़ दिया है। शुक्रवार को 6 और लोगों की मौत हो गई। इडुक्की जिले के बड़े बांधों से पानी निकाला जा रहा है, लेकिन कासरगोड को छोड़कर 13 जिलों में अभी भी रेड अलर्ट है।
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मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने बताया कि स्थिति अभी भी गंभीर है। उन्होंने कहा, “अच्छी खबर सिर्फ यह है कि राज्य के कुछ इलाकों में बारिश कम हो गई है और हमारी योजना दिन के अंत तक इन इलाकों में फंसे लोगों को निकालने की है।”
उन्होंने कहा कि केरल में बाढ़ का कहर से अब तक 324 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि यह 100 साल में सबसे भीषण बाढ़ है।
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उन्होंने आगे कहा कि आठ अगस्त के बाद से राज्य में 167 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2.23 लाख लोगों को 1,568 राहत शिविरों में रहना पड़ रहा है। समीक्षा बैठक के बाद विजयन ने कहा, “सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में पथनामथित्ता, अलप्पुझा, एर्नाकुलम और त्रिसूर शामिल हैं, जहां 52,856 परिवार प्रभावित हैं।”
उन्होंने कहा कि बचाव और राहत कार्य में वर्तमान में कार्यरत 14 हेलीकॉप्टरों के अतिरिक्त 11 और हेलीकॉप्टर जल्द आएंगे। चेंगानूर और चलाकुडी जिलों में फंसे लोगों को सिर्फ हवाई मार्ग से निकला जा सकता है, जिसके कारण रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने अतिरिक्त हेलीकॉप्टर के लिए मंजूरी दे दी है।
विजयन ने कहा कि शुक्रवार को सेना के 16, तटरक्षक के 28, एनडीआरएफ के 39 और नौसेना के 42 दल बचाव अभियान में शामिल थे, जबकि आज ही एनडीआरएफ के 14 अन्य दल और पहुंचेंगे।
वित्तमंत्री थॉमस इसाक ने कहा कि कई लोगों ने, विशेषकर कुट्टनाडु क्षेत्र में, राहत शिविरों में जाने से इंकार कर दिया। पेरियार और इसकी सहायक नदियों के पानी ने एर्नाकुलम और त्रिसूर के कई नगरों को जलमग्न कर दिया है।
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केरल में बाढ़ से तबाही को देखते हुए पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह 10 करोड़ का रिलीफ फंड जारी किया है। उन्होंने बताया कि 5 करोड़ रुपए को सीएम रिलीफ फंड में डाल दिया गया है और बाकी 5 करोड़ रुपए खाने के सामान में भेजा जाएगा।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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