केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए राज्य के सभी नौ कुलपतियों से अपने-अपने पदों से इस्तीफा देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा केरल तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति के इस्तीफे का आदेश देने के बाद राज्यपाल ने कालीकट, संस्कृत, केटीयू, सीयूएसएटी, मत्स्य पालन, मलयालम, एमजी, कन्नूर और चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपतियों को सोमवार सुबह 11.30 बजे से पहले अपना इस्तीफा भेजने का आदेश जारी किया है।
Published: undefined
केरल राज्यपाल के कार्यालय ने कहा कि कुलपति के चयन के दौरान पांच कुलपतियों को पैनल नामों के बिना चुना गया था और 'राजनीतिक रूप से' चुना गया था। शेष चार का चयन एक प्रक्रिया के माध्यम से किया गया था, जिसमें प्रख्यात विषय विशेषज्ञ चयन समिति में मौजूद नहीं थे।
इस आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सीपीएम के राज्य सचिव एम.वी. गोविंदन ने अलाप्पुझा में कहा कि पार्टी और सरकार राज्यपाल के इस कदम का विरोध करेंगे जो संविधान विरोधी है। उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस, जो सीधे सत्ता में नहीं आ पा रहे हैं, राज्य में सत्ता पर काबिज होने के लिए बैकरूम पैंतरेबाजी कर रहे हैं।
Published: undefined
गोविंदन ने कहा, यह राज्यपाल का पागलपन भरा फैसला है और हम इसके खिलाफ कानूनी विकल्पों सहित सभी उपाय करेंगे। सरकार के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि राज्य का उच्च शिक्षा विभाग भविष्य की कार्रवाई पर फैसला करने के लिए एक बैठक कर रहा है। विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सरकार कुलपतियों को राज्यपाल के निर्देश का जवाब नहीं देने का निर्देश दे सकती है।
Published: undefined
वहीं मुस्लिम लीग के नेता और राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री ई.टी. मोहम्मद बशीर ने कहा कि राज्यपाल का फैसला गलत है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के पास ऐसी विवेकाधीन शक्तियां नहीं हैं। सीपीएम पोलित ब्यूरो सदस्य एमए बेबी, जो राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री भी हैं, उन्होंने कहा कि केरल के राज्यपाल केंद्र सरकार के कर्मचारी की तरह काम कर रहे हैं।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined