केरल के वायनाड के भूस्खलन प्रभावित चूरलमाला में खोज और बचाव अभियान जारी है। इस बीच मृतकों की संख्या बढ़ गई है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के अनुसार, वर्तमान में मरने वालों की संख्या 308 है।
केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन के चौथे दिन शुक्रवार को बचावकर्मियों की 40 टीम ने बारिश और प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच तलाश-बचाव अभियान एक बार फिर शुरू किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
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अधिकारियों ने बताया कि 190 फुट लंबे ‘बेली ब्रिज’ का निर्माण पूरा होने से बचाव अभियान में तेजी आई है। इस पुल के रास्ते उत्खनन मशीनों समेत भारी मशीनें और एम्बुलेंस मुंडक्कई और चूरलमाला तक पहुंच पाएंगी।
बचावकर्मियों की 40 टीम भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के 6 जोन अट्टामाला और आरणमाला, मुंडक्कई, पुंचिरिमट्टम,वेल्लारीमाला गांव, जीवीएचएसएस वेल्लारीमाला में पीड़ितों की तलाश करेंगी। बचावकर्मियों की टीम में सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) , डीएसजी, तटरक्षक बल, नौसेना और एमईजी के कर्मियों के साथ-साथ तीन स्थानीय लोग और वन विभाग का कर्मचारी शामिल होगा।
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अधिकारियों के अनुसार, इसके अलावा चलियार नदी में भी पीड़ितों की तलाश की जाएगी। उन्होंने बताया कि चालियार के 40 किलोमीटर क्षेत्र में स्थित आठ पुलिस थाने के पुलिसकर्मी और स्थानीय तैराक बलों के साथ मिलकर उन शवों की खोज करेंगे, जो संभवतः बहकर नीचें चले गए हैं या नदी के किनारे फंसे हुए हैं।
बचाव योजना के अनुसार, तटरक्षक बल, नौसेना और वन विभाग के कर्मी संयुक्त रूप से नदी के किनारों और उन क्षेत्रों पर तालाश अभियान संचालित करेंगे जहां शव फंसे होने की आशंका है। राजस्व मंत्री के. राजन ने एक दिन पहले कहा था कि मलबे में दबे शवों का पता लगाने के लिए दिल्ली से ड्रोन आधारित रडार शनिवार को वायनाड लाया जाएगा।
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