केरल पुलिस ने पीएफआई सदस्यों द्वारा हमले का दावा करने वाले सेना के जवान शाइन कुमार को हिरासत में ले लिया है। जांच में पता चला है कि जवान ने झूठ बोला था कि रविवार रात पीएफआई के छह लोगों ने उसका अपहरण कर लिया और उस पर हमला किया और फिर उसकी पीठ पर पीएफआई लिखने के बाद उसे छोड़ दिया। जवान द्वारा आरोप लगाने के बाद सोमवार को सेना ने बयान जारी कर कहा था कि वह घटना को लेकर पुलिस के संपर्क में है।
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सेना का जवान शाइन कुमार वर्तमान में राजस्थान में तैनात है और यह कार्रवाई उसकी छुट्टी के आखिरी दिन से एक दिन पहले की गई है। शाइन द्वारा सोमवार को हमले की शिकायत दर्ज कराने के बाद केरल पुलिस की कई टीमों द्वारा जांच शुरू करने के कुछ घंटों बाद जब पुलिस ने जवान शाइन कुमार से पूछताछ की तो उन्हें कुछ गड़बड़ लगा। इसके बाद सोमवार को पुलिस ने उसके दोस्तों को पेश होने के लिए बुलाया।
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पूछताछ के दौरान उसके दोस्त जोशी ने बताया कि शाइन कुमार के कहने पर ही उसने उसकी मदद की थी। उसे भी पुलिस हिरासत में ले लिया गया। जोशी ने कहा, "उसने मुझसे अपनी पीठ पर कुछ शब्द पेंट करने के लिए कहा। पहले मैंने इसे डीवाईएफआई के रूप में सुना, फिर उसने मुझे सुधारते हुए कहा कि पीएफआई लिखना है। मैंने पहले उसकी शर्ट को पीछे से फाड़ा और फिर उसके कहे अनुसार पेंट किया।"
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जोशी ने पुलिस को बताया कि सेना के जवान ने मुझसे उसे पीटने के लिए भी कहा, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सका। जोशी से पूछताछ के बाद पुलिस उसके घर पहुंची और हरा पेंट और ब्रश सबूत के तौर पर अपने साथ ले आई। पुलिस ने उस पेंट की दुकान का भी पता लगा लिया जहां से उन्होंने उसे खरीदा था। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि शाइन कुमार ने झूठ क्यों बोला था।
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