दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र की मोदी सरकार की 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की अवधारणा को लेकर सवाल उठाया है। आम आदमी पार्टी प्रमुख (आप) ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि देश को 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की नहीं, बल्कि 'एक राष्ट्र, एक शिक्षा' और 'एक राष्ट्र, एक इलाज की जरूरत है।
Published: undefined
अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर पोस्ट किया, "देश के लिए क्या आवश्यक है? एक राष्ट्र, एक चुनाव या एक राष्ट्र, एक शिक्षा (अमीर या गरीब सभी के लिए समान गुणवत्ता वाली शिक्षा) या एक राष्ट्र, एक स्वास्थ्य सेवा (अमीर या गरीब सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक समान पहुंच)। 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' से आम आदमी को क्या फायदा होगा।''
Published: undefined
इससे पहले आप सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा था कि बीजेपी हिंडनबर्ग रिपोर्ट 2.0 से ध्यान भटकाने के लिए ऐसा कर रही है। भारद्वाज ने कहा था, "मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि यह हिंडनबर्ग रिपोर्ट 2.0 के वास्तविक मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए सिर्फ एक बहस है। केंद्र सरकार 'इंडिया गठबंधन' की बढ़ती लोकप्रियता से डरी हुई है और वह समय से पहले चुनाव कराने पर जोर दे सकती है।"
Published: undefined
दरअसल हाल में मुंबई में हुई इंडिया गठबंधन की बैठक के दिन बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अचानक 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के लिए आठ सदस्यीय समिति के गठन का ऐलान किया है, जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद होंगे। वहीं गृह मंत्री अमित शाह, गुलाम नबी आजाद, एन के सिंह, सुभाष कश्यप, अधीर रंजन चौधरी और अन्य इसके सदस्य होंगे। हालांकि, अधीर रंजन ने समिति में राज्यसभा में विपक्ष के नेता खड़गे को नहीं रखने का विरोध करते हुए उसमें शामिल होने से इनकार कर दिया है।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined