दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में पूर्व दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और कांग्रेस नेता अजय माकन ने केजरीवाल बिजली के तार से जुड़े भ्रष्टाचार और बेरोजगार के नाम से एक पुस्तिका को लांच की। इस पुस्तिका में उन्होंने रिसर्च पर आधारित आंकड़ों के साथ यह बात रखी है कि किस तरह दिल्ली में बिजली का इंडस्ट्रियल रेट, कमर्शियल रेट और घरेलू रेट आसपास के अन्य राज्यों से भी ज्यादा है।
Published: undefined
उन्होंने इस पुस्तिका के माध्यम से लोगों को यह समझाने की कोशिश की केजरीवाल जब से दिल्ली की सत्ता में आए हैं, तब से अब तक अभी का कमर्शियल रेट ज्यादा होने की वजह से दिल्ली में कितनी सारी फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं, कितने लोग बेरोजगार हो चुके हैं। इन सारे बिंदुओं को उन्होंने पावर पॉइंट और स्लाइड के माध्यम से भी दर्शाकर कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में सबके सामने रखा।
Published: undefined
अजय माकन ने कंस्टीटूशन क्लब में मंगलवार को कहा कि मैं दिल्ली सरकार में पूर्व में ऊर्जा मंत्री भी रहा हूं, इसलिए मेरी और भी जिम्मेदारी बनती है कि लोगों को यह पता चले कि उन्हें फ्री बिजली के नाम पर किस तरह से ठगा जा रहा है। किस तरह से उनके साथ धोखा किया जा रहा है। अजय माकन ने कहा कि मैं आपको सरकारी आंकड़ों के साथ समझाता हूं। आज दिल्ली में बिजली का इंडस्ट्रियल रेट 13 रुपए पर यूनिट है, और कमर्शियल रेट 16.9 रुपए पर यूनिट है। उत्तराखंड पंजाब राजस्थान के मुकाबले दिल्ली में सबसे अधिक कमर्शियल रेट है बिजली का इसी वजह से दिल्ली से बहुत सारी फैक्ट्रियां चली गई बंद हो गई उन पर ताले लग गए।
Published: undefined
आगे माकन ने बताया कि किस तरह मैन्युफैक्च रिंग सेक्टर प्रभावित हुआ है, और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में कांग्रेस के समय में कितनी ग्रोथ थी और अब केजरीवाल के समय में कितनी ग्रोथ है। माकन ने आंकड़ों में दिखाया कि 2009 से 2014 तक 11.93 प्रतिशत ग्रोथ थी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की, अब केजरीवाल सरकार के समय में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ घटकर 0.74 प्रतिशत हो गई है। केजरीवाल सरकार ने 14731 करोड़ की सब्सिडी प्राइवेट कंपनी को दी है 5 साल में अगर यह सब्सिडी डायरेक्ट उपभोक्ता के खातों में डाली जाती तो 300 क्या 500 यूनिट फ्री बिजली के हिसाब से उपभोक्ताओं को मिल सकते थे।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined