दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनता को फ्री सुविधाओं के खिलाफ पीएम मोदी के बयान पर बोला है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में अमीरों का कर्जा माफ हो रहा है तो गरीबों के खाने पर टैक्स लगाया जा रहा है। इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल ने केंद्र से सवाल पूछा कि क्या केंद्र सरकार की आर्थिक हालत ठीक है? वह बोले कि किसी सरकार ने अब तक नहीं कहा था कि देश की सुरक्षा के लिए पैसे की कमी है, पेंशन सुविधा खत्म करने के लिए अग्निवीर योजना की शुरूआत कर दी है।
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केजरीवाल के मुताबिक, मनरेगा के पैसों में 25 फीसदी कटौती हो रही है, केंद्र जितना टैक्स इकट्ठा करती है उसमें से एक हिस्सा राज्यों को देती है, 42 फीसदी उस टैक्स का हिस्सा देना होता था, कुछ वर्षों में इसे घटाकर कम कर दिया है। 2014 के मुकाबले दो गुना, तीन गुना जायदा इकट्ठा हो रहा है, लेकिन पैसा कहां जा रहा है?
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अरविंद केजरीवाल ने कहा, पिछले कुछ दिनों से जनता को मिल रही फ्री की सुविधाओं का विरोध किया जा रहा है। कहा गया कि सरकार यदि फ्री में सुविधा देगी तो सरकार कंगाल हो जाएगी, देश के लिए बहुत आफत पैदा हो जाएगी। फ्री की सुविधाओं को बंद किया जाए। इससे मन में एक शक पैदा होता है कि कहीं केंद्र सरकार की आर्थिक हालत बहुत ज्यादा खराब तो नहीं, इतना विरोध क्यों किया जा रहा है?
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उन्होंने कहा कि पिछले 70 सालों से सरकारी स्कूलों में फ्री में शिक्षा मिलती आई है, अस्पतालों में फ्री की दवाई मिलती आई है, फ्री राशन हर महीने भेजा जा रहा है तो फिर अचानक इन सारी चीजों का विरोध क्यों हो रहा है। केंद्र सरकार की आर्थिक हालत ठीक तो है?
2014 में सरकार का 20 लाख करोड़ का बजट था, आज 40 लाख करोड़ का बजट है। अपने अमीर दोस्तों के 10 लाख करोड़ के कर्जे माफ किए हैं। आखिर क्यों? यह सब नहीं होता तो खाने की चीजों पर टैक्स नहीं लगाने पड़ते, सेना के पैसे में कटौती नहीं होती। बड़ी-बड़ी कंपनियों का 5 लाख करोड़ टैक्स भी माफ किया है, लेकिन गरीब पर लगा दिया। आम नागरिक ठगा महसूस कर रहा है।
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केजरीवाल ने कहा कि अग्निवीर योजना लेकर आए हैं, कहा गया कि सैनिकों का पेंशन का जो खर्चा है, उसको केंद्र सरकार बर्दाश्त नहीं कर सकेगी। हम सैनिकों के ऊपर एहसान नहीं कर रहे हैं बल्कि सैनिक हम पर कर रहे हैं। हर पांच साल में केंद्र केंद्रीय कर्मचारियों के लिए वेतन आयोग बनाती है, आठवां वेतन आयोग बनने वाला था, अब नहीं बन रहा। क्यों नहीं बनाएंगे क्योंकि पैसे की कमी है, आखिर केंद्र सरकार का पैसा कहां गया?
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