इंसानियत को शर्मसार कर देने वाले कठुआ गैंगरेप केस का मुकदमा आज यानी सोमवार से शुरु हो रहा है। यह मुकदम है एक 8 साल का मासूम से कई दिनों तक सामूहिक बलात्कार और फिर उसकी हत्या कर देने का।
Published: 16 Apr 2018, 9:06 AM IST
इस मामले में पीड़िता के परिवार की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रही वकील दीपिका राजावत को भी धमकियां मिल रही है। उनका कहना है कि, “मुझे नहीं पता कि मैं कब तक जिंदा रहूंगी। मेरे साथ दुष्कर्म हो सकता है, मेरी हत्या भी हो सकती है। मुझे कल धमकी मिली थी कि तुम्हें माफ नहीं करेंगे।’ एक न्यूज चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताएंगी कि उनकी जान खतरे में है।
Published: 16 Apr 2018, 9:06 AM IST
राजावत ने कहा कि, ''मुझे उन्होंने अलग-थलग कर दिया है। कोर्ट में प्रैक्टिस करने तक से रोका जा रहा है। मैं नहीं जानती कि आगे कैसे गुजारा करूंगी। मुस्लिम लड़की के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ने पर मुझे हिंदू विरोधी कहकर समाज से निकालने की बातें हो रही हैं।''
उधर, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कहा है कि वकीलों से जुड़े विवाद की जांच के लिए काउंसिल ने एक पैनल बनाया है। जम्मू-कश्मीर बार एसोसिएशन के वकीलों पर आरोपियों का समर्थन करने का आरोप है। आरोप है कि इन वकीलो ने 10 अप्रैल को इस मामले में पुलिस को चार्जशीट पेश करने से रोका था।
Published: 16 Apr 2018, 9:06 AM IST
चूंकि यह मामला बेहद संवेदनशील है और इस केस को शुरु से ही सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है, इसलिए महबूबा सरकार ने पैरवी के लिए सिख समुदाय के दो स्पेशल पब्लिक प्रॉसीक्यूटर नियुक्त किए हैं।
उधर दुष्कर्म के आरोपियों के समर्थन में हुई रैली में जाकर विवादों में घिरे बीजेपी के दोनों मंत्रियों के इस्तीफे मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रविवार को मंजूर कर राज्यपाल एन एन वोहरा के पास भेज दिए।
Published: 16 Apr 2018, 9:06 AM IST
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Published: 16 Apr 2018, 9:06 AM IST