हालात

कश्मीर में 65 दिन से जारी Lockdown पर भड़के टॉप अफसर, कहा- स्थिति सामान्य होने के बजाय और भी ज्यादा बिगड़ सकती है 

जम्मू-कश्मीर में तैनात अधिकारी और सुरक्षबलों की मानें तो परिस्थितियां काफी चुनौतीपूर्ण हैं। धारा 370 हटाए जाने के बाद से ही घाटी में बंद है। वहां मौजूद अधिकारियों का मानना है कि स्थिति सामान्य होने के बजाय और भी ज्यादा बिगड़ सकती है।

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर फोटो: सोशल मीडिया

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से ही मोदी सरकार लगातार यही दावा कर रही है कि घाटी में सब ठीक है, सब कुछ सामान्य है। लेकिन, जम्मू-कश्मीर में तैनात अधिकारी और सुरक्षबलों की मानें तो परिस्थितियां काफी चुनौतीपूर्ण हैं। धारा 370 हटाए जाने के बाद से ही घाटी में बंद है, दो महीने बाद भी हालात जस के तस हैं। वहां मौजूद अधिकारियों का मानना है कि स्थिति सामान्य होने के बजाय और भी ज्यादा बिगड़ सकती है।

Published: 09 Oct 2019, 10:41 AM IST

बाजार में अब भी सन्नाटा पसरा हुआ है। इनंटरनेट और सेलफोन सेवा अभी तक पूरी तरह से बहाल नहीं हो पाई है। इसका असर स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ रहा है। इसके अलावा स्कूल और कॉलेज बंद हैं। सैकड़ों लोग हिरासत में हैं। हालांकि, राज्यपाल कह रहे हैं कि हालात पहले से काफी बेहतर हुए हैं और इसी वजह से पर्यटकों को प्रतिबंधित करने वाले आदेश वापस लिए जा रह हैं। लेकिन इसका कोई असर होता दिख नहीं रहा है। इस स्थिति में कोई भी पर्यटक शायद ही वहां जाए। वहीं बीजेपी को छोड़कर 24 अक्टूबर को होने वाले ब्लॉक विकास परिषद (बीडीसी) का चुनाव लड़ने से सभी दलों ने इनकार कर दिया है।

Published: 09 Oct 2019, 10:41 AM IST

अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने एक दर्जन से अधिक नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों से बात करने के बाद एक रिपोर्ट छापी है जिसमें कहा गया है कि सरकार भले ही कुछ भी कहे लेकिन घाटी में हालात सामान्य नहीं है। एक अधिकारी ने बताया, “हम कहते थे कि सुरक्षा बल घड़ी देखते हैं, जबकि आतंकवादियों के पास हमेशा समय है। लेकिन, अब यहां मामला दूसरा हो चुका है। ऐसा लगता है कि सरकार की रणनीति यह है कि वह हर समय जम्मू-कश्मीर के निवासियों पर नज़र रख सकती है।” अधिकारी ने कहा, “हमें निश्चित नहीं है कि लोगों को थका देने वाली यह प्रक्रिया प्रभावी होगी, लेकिन हम सभी को स्वीकार करने की आवश्यक्ता है कि यहां हालात सामान्य नहीं हैं।”

Published: 09 Oct 2019, 10:41 AM IST

एक और शीर्ष अधिकारी ने अखबार को बताया, “मुद्दा और मसाला दो ऐसे आम शब्द हैं, जिन्हें यहां के लोगों के साथ बातचीत में सुनते हैं। क्या आपने इन्हें 5 अगस्त से सुना है? सिर्फ इसलिए कि कोई भी इन शब्दों का उल्लेख नहीं करता है, क्या इसका मतलब यह है कि चीजें सामान्य हैं?” वहीं कई दूसरे बड़े अधिकारियों का भी यही मानना है। एक और अधिकार ने कहा, “दिल्ली को लगता है कि अगर अभी तक कोई बड़ी घटना नहीं हुई है, तो हालात सामान्य हैं। यह परिकल्पना गलत है।”

Published: 09 Oct 2019, 10:41 AM IST

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Published: 09 Oct 2019, 10:41 AM IST

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