गणतंत्र दिवस के दिन उत्तर प्रदेश के कासगंज में भड़की सांप्रदायिक हिंसा की आग अब धीरे धीरे ठंडी हो रही है। लेकिन इलाके में तनाव बरकरार है। इस बीच राज्यपाल राम नाईक ने इस घटना को प्रदेश के लिए कलंक बताया है। राज्यपाल ने कहा कि कासगंज में जो घटना हुई है, वह किसी के लिए भी शोभादायक नहीं है। महाराणा प्रताप के परिनिर्वाण दिवस के मौके पर लखनऊ के हुसैनगंज चौराहे पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “वहां जो घटना हुई है, वो प्रदेश के माथे पर कलंक के समान है। सरकार उसकी जांच करा रही है, सरकार को ऐसे कमद उठाने चाहिए जिससे फिर ऐसी घटना न हो।” कासगंज में लगातार तीन दिन तक हिंसा और आगजनी की घटनाओं के बाद हालात अब सामान्य की ओर लौट रहे हैं। लेकिन माहौल में अब भी तनाव बरकरार है। 29 जनवरी को कहीं से किसी तरह की अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है।
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इस बीच हिंसा में गोली लगने से मारे गए युवक चंदन गुप्ता के परिजनों ने सरकार की तरफ से दी गई मुआवजा राशि के चेक को लौटा दिया है। परिजनों की मांग है कि उनके बेटे को शहीद का दर्जा दिया जाए। 26 जनवरी को तिरंगा यात्रा के दौरान भड़की हिंसा में स्थानीय युवक चंदन गुप्ता की गोली लगने से मौत हो गई थी। चंदन के अंतिम संस्कार से पहले निकाली गई उसकी अंतिम यात्रा के बाद 27 जनवरी को एक बार फिल से हिंसा भड़क गई थी।
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वहीं पुलिस ने अब तक इस मामले में 112 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिसमें 31 लोग नामजद हैं। पुलिस ने 81 लोगों को शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए एहतियात के तौर पर गिरफ्तार किया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद पूरे हालात पर नजर बनाए हुए हैं। राज्य के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने भी कासगंज में हुई घटना को दुखद बताते हुए कहा कि जो लोग भी इसके दोषी हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ खुद हालात पर नजर बनाए हुए हैं औऱ अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं।
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कासगंज जनपद में गणतंत्र दिवस के दिन तिरंगा यात्रा के दौरान भड़की हिंसा की आग अब धीरे धीरे ठंडी होती जा रही है। लेकिन अभी भी माहौल में तनाव कायम है। 28 जनवरी की देर रात कुछ जगहों पर फिर से आगजनी और छिटपुट हिंसा की घटनाएं हुईं। इस बीच नामजद आरोपियों के घरों पर दबिश के दौरान पुलिस ने देशी बम और पिस्तौल बरामद किया है। जिसके बाद पुलिस अधिक सतर्कता बरत रही है।
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एहतियात के तौर पर 28 जनवरी की रात 10 बजे तक जिले में इंटरनेट सेवा को बंद रखा गया था। पूरे शहर में धारा 144 लागू है। प्रभावित इलाकों में ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है। इस मामले में अब तक कुल 112 लोग गिरफ्तार किए गए हैं, इनमें से 31 के खिलाफ नामजद मामला पंजीकृत किया गया है, जबकि 81 अन्य को एहतियात के तौर पर गिरफ्तार किया गया है। इस पूरे मामले में अब तक 5 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से 3 कासगंज के कोतवाल की तहरीर पर पंजीकृत हुए हैं।
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