कर्नाटक चुनाव प्रचार के सिलसिले में बेंगलुरू पहुंचे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमिटी के ऑफिस में प्रेस कांफ्रेंस कर प्रशासन के हर मोर्चे पर असफल रहने के लिए केन्द्र सरकार और पीएम मोदी की आलोचना की। उन्होंने खास तौर पर किसानों की समस्याओं और देश के आर्थिक संकट को लेकर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया।
उन्होंने कहा, “हमारा देश बेहद मुश्किल समय से गुजर रहा है। हमारे किसान जबरदस्त संकट का सामना कर रहे हैं, हमारे आकांक्षी युवाओं को मौके नहीं मिल रहे हैं, और अर्थव्यवस्था अपनी क्षमता से बहुत नीचे चल रही है। दुर्भाग्यपूर्ण सच्चाई यह है कि इन संकटों को टाला जा सकता था।”
Published: 07 May 2018, 1:26 PM IST
उन्होंने आगे कहा, “मुझे इस बात से तकलीफ होती है कि इन चुनौतियों को दूर करने की बजाय सरकार उन आवाजों को दबाना चाहती है जो इस तरह की कमियों की तरफ इशारा करते हैं।”
उन्होंने यूपीए सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि हमारी सरकार के समय मुश्किल वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद औसतन 7.8 फीसदी विकास दर था, जबकि अब अंतर्राष्ट्रीय स्थितियां मददगार हैं और तेल के दाम भी कम है तो भी एनडीए की सरकार में विकास दर कम हैं।
उन्होंने नोटबंदी और जल्दबाजी में लागू की गई जीएसटी को एनडीए सरकार की दो सबसे बड़ी गलतियां करार दिया जिनकी वजह से हमारी अर्थव्यवस्था चौपट हो गई और हर तबके के लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा।
उन्होंने बताया कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें ऐतिहासिक रूप से ऊंची हैं, जबकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दामों में भारी गिरावट हुई है। उन्होंने मोदी सरकार पर अधिक टैक्स वसूली का आरोप लगाया और कहा कि इसकी वजह से जनता को तेल के कम दाम होने का फायदा नहीं मिल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि लगातार टैक्स में इजाफा कर मोदी सरकार यह दिखा रही है कि उसने 10 लाख करोड़ की कमाई कर ली है।
उन्होंने बैंकों के संकट के संदर्भ में कहा कि मोदी सरकार का कुप्रबंधन साफ दिखता है। उन्होंने कहा, “मैं सावधानी और जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं कि मोदी सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन की वजह से बैंकिंग क्षेत्र में जनता का भरोसा धीरे-धीरे खत्म हो रहा है।”
Published: 07 May 2018, 1:26 PM IST
उन्होंने प्रशासन के क्षेत्र में अच्छा काम करने के लिए कर्नाटक सरकार और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की प्रशंसा की। उन्होंने बेंगलूरू को देश का सबसे तेजी से विकसित होने वाला शहर भी बताया। उन्होंने कहा, “देखिए, मोदी सरकार और कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार में कितना अंतर है। सिद्धारमैया सरकार की रचनात्मक नीतियों की वजह से बेंगलूरू देश का स्टार्ट-अप कैपिटल हो गया है। रोजगार उत्पन्न करने के मामले में कर्नाटक बहुत आगे चल रहा है, जबकि मोदी सरकार इस दिशा में कुछ नहीं कर पा रही है।
उन्होंने आखिर में कहा, “हमें याद रखना चहिए कि एक देश तब विकसित होता है जब निरंतर विकास हो, लोगों के पास रोजगार हो। इस मामले में बेंगलूरू और कर्नाटक ने देश को रास्ता दिखाया है।”
Published: 07 May 2018, 1:26 PM IST
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Published: 07 May 2018, 1:26 PM IST