कर्नाटक में चार महीने पुरानी बीजेपी की अगुवाई वाली बी एस येदियुरप्पा सरकार की किस्मत का आज फैसला हो सकता है। आज उन सभी 15 विधानसभा सीटों के चुनावी नतीजों का ऐलान होगा जहां 5 दिसबर को उपचुनाव के लिए मतदान हुआ था। अगर इन 15 में से बीजेपी के हिस्से में कम से कम 6 सीटें नहीं आईं तो येदियुरप्पा सरकार संकट में आ जाएगी। सभी सीटों पर वोटों की गिनती सुबह 8 बजे शुरु होगी और दोपहर तक सभी सीटों के नतीजे आ जाने की संभावना है।
ध्यान रहे कि इन सीटों पर उपचुनाव की नौबत इसलिए आई थी क्योंकि कांग्रेस और जेडीएस के 17 विधायकों को अयोग्य करार दे दिया गया। इन विधायकों ने अपनी पार्टी से बगावत की थी। दो सीटों को लेकर मुकदमा हाईकोर्ट में लंबित है, इसलिए 15 सीटों पर उपचुनाव कराया गया था। इससे पहले इन 15 में से 12 सीटें कांग्रेस और 3 जेडीएस के पास थीं, जबकि बीजेपी के हिस्से में एक भी सीट नहीं थी।
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17 विधायकों के बागी होने के बाद कर्नाटक की 224 सदस्यों वाली विधानसभा की संख्या 207 पर आ गई थी, जिसके बाद बीजेपी ने 29 जुलाई को हुए शक्तिपरीक्षण में विश्वास मत हासिल किया था। फिलहाल विधानसभा में बीजेपी के पास 105 विधायकों का समर्थन हैं, इनमें एक निर्दलीय भी शामिल है। वहीं कांग्रेस के पास 66 और जेडीएस के पास 34 विधायक हैं। इसके अलावा बीएसपी का एक सांसद, एक नामित विधायक और स्पीकर शामिल हैं।
जिन 15 सीटों पर उपचुनाव हुआ है, उनके नतीजे आने के बाद विधानसभा की क्षमता 222 हो जाएगी, ऐसे में किसी भी दल को बहुमत के लिए 111 विधायकों का समर्थन चाहिए। इस तरह बीजेपी को कम से कम 6 सीटें हासिल करना जरूरी है, क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता है तो येदियुरप्पा सरकार अल्पमत में आ जाएगी।
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यहां गौरतलब है कि मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा चार बार कर्नाटक के सीएम बने हैं और किसी भी बार उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है।
महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने के बाद यह चर्चा जोरों पर है कि कांग्रेस की नजर अब कर्नाटक पर है। कांग्रेस ने बीते रविवार को संकेत दिया था कि उपचुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी को बहुमत के लिए जरूरी सीटें नहीं मिल पाने की स्थिति में वह एक बार फिर जेडीएस के साथ हाथ मिला सकती है। कांग्रेस ने कहा था कि वह एक बार फिर जेडीएस के साथ हाथ मिलाने के विरूद्ध नहीं है। वहीं जेडीएस के नेता पहले ही ऐसे संकेत दे चुके हैं कि पार्टी ऐसी संभावना के लिए तैयार है। गौरतलब है कि कांग्रेस और जेडीएस कर्नाटक में 14 महीने तक गठबंधन सरकार चला चुकी हैं और दोनों ने मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था।
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