कर्नाटक में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी ने कल ही बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया और इसके साथ ही अपनी विधान परिषद की सीट भी छोड़ दी। उनके इस्तीफे के बाद से ही यह चर्चा तेज है कि वे कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं। इन्हीं कयासों के बीच सावदी शुक्रवार दोपहर बेंग्लुरु पहुंचे। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद मीडिया से बातचीत की। मीडिया से बातच करते हुए उन्होंने साफ इशारा कर दिया कि वे वह या तो किसी क्षेत्रीय पार्टी या एक राष्ट्रीय पार्टी में शामिल होंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि सावदी जब बेलगावी से बेंग्लुरु के लिए रवाना हुए तो उनके साथ कांग्रेस के एक विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) भी थे। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सावदी बेंग्लुरु में डी के शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों से मुलाकात करेंगे।
गुरुवार को हालांकि सावदी ने हालांकि साफ नहीं किया था कि वे किस पार्टी में शामिल होने वाले हैं। लेकिन उन्होंने अपने इस्तीफे की पुष्टि जरूर की थी। उन्होंने विधान परिषद सदस्य बसवराज होराती से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपा था। हालांकि बीजेपी को सावदी के इस्तीफे की उम्मीद नहीं थी क्योंकि एमएलसी के तौर पर अभी उनके कार्यकाल के पांच साल से अधिक बाकी हैं। सावदी को बीजेपी ने विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया है।
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद 63 वर्षीय सावदी को येदियुरप्पा सरकार में 2019-2021 के दौरान डिप्टी सीएम बनवाया था। हालांकि येदियुरप्पा इससे खुश नहीं थे लेकिन आलाकमान के सामने उन्हें झुकना पड़ा था, और आलाकमान ने उनकी कैबिनेट में सावदी समेत तीन डिप्टी सीएम नियुक्त करवा दिए थे।
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सावदी को डिप्टी सीएम बनाए जाने पर बीजेपी में ही कई लोगों को हैरानी भी हुई थी क्योंकि सावदी 2018 का विधानसभा चुनाव अठानी सीट से हार गए थे। लेकिन फिर भी बिना किसी सदन का सदस्य होते हुए उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया।
बीजेपी सूत्रों का दावा है कि सावदी पर मोदी की नजर उस समय गई थी जब 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान सावदी काफी सक्रिय थे। महाराष्ट्र में भी लिंगायत समुदाय की काफी आबादी है। एक वक्त तो सावदी को कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा था।
सावदी गनिगा लिंगायत समुदाय से आते हैं, जिसे मोढ घांची, तेली समुदाय के बराबर माना जाता है। मोदी भी इसी जाति से हैं। सावदी ने गुरुवार को अठानी में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा था, “मैंने अपना मन बना लिया है, मैं भीख मांगने जाने वाला व्यक्ति नहीं हूं। मैं एक आत्मसम्मान वाला राजनीतिज्ञ हूं। मैं किसी के प्रभाव में या बहकावे में ऐसा नहीं कह रहा हूं।”
बीजेपी ने सावदी के बजाय महेश कुमाथाली को टिकट दिया है जिन्हें विधायक रमेश एल जारकिओली का समर्थन हासिल है। रमेश जारकिओली ने धमकी दी थी कि अगर कुमाथाली को टिकट नहीं मिला तो वे भी चुनाव नहीं लड़ेंगे। कुमाथाली कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं। वे पंचमसाली लिंगायत हैं।
बेलगावी जिले में 18 विधानसभा सीटें हैं और इसे बीजेपी का गढ़ माना जाता रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश अंगादी र मंत्री उमेश वी कट्टी इसी इलाके से आते थे। रमेश जारकिओली भी इसी जिले से हैं, लेकिन हाल में एक पोर्न वीडियो स्कैंडल में नाम आने के बाद उन्हें कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था।
कांग्रेस इस इलाके में अपनी जड़ी जमाने के लिए भरोसेमंद नेताओं पर नजर रख रही थी। ऐसे में सावदी के कांग्रेस में शामिल होने से निश्चित ही चुनावी मंजर कुछ और ही हो सकता है।
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