कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक्स पर लिखा, "हमारा संविधान हर नागरिक को गारंटी देता है कि उसके साथ जाति, धर्म, भाषा या किसी अन्य आधार पर भेदभाव नहीं होगा। उत्तर प्रदेश में ठेलों, खोमचों और दुकानों पर उनके मालिकों के नाम का बोर्ड लगाने का विभाजनकारी आदेश हमारे संविधान, हमारे लोकतंत्र और हमारी साझी विरासत पर हमला है। समाज में जाति और धर्म के आधार पर विभाजन पैदा करना संविधान के खिलाफ अपराध है। यह आदेश तुरंत वापस लिया जाना चाहिए और जिन अधिकारियों ने इसे जारी किया है, उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।"
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वहीं समाजवादी पार्टी के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने कावड़ यात्र को लेकर सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाते हुए कहा है कि कावड़ यात्र को लेकर योगी सरकार के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट संज्ञान लेकर इस असंवैधानिक आदेश पर रोक लगाए। रामगोपाल यादव ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाते हुए अपना बयान पोस्ट किया है। रामगोपाल यादव ने अपने बयान में लिखा है कि संसदीय चुनाव में अपनी पराजय से बौखलाई बीजेपी और आपसी झगड़े में फंसी भाजपा सरकार प्रदेश को सांप्रदायिकता की आग में झोंकना चाहती है।
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वहीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया पर एक्स पर शुक्रवार को किए एक पोस्ट में लिखा, ”यूपी व उत्तराखंड सरकार द्वारा कावंड़ मार्ग के व्यापारियों को अपनी-अपनी दुकानों पर मालिक व स्टाफ का पूरा नाम प्रमुखता से लिखने व मांस बिक्री पर भी रोक का यह चुनावी लाभ हेतु आदेश पूर्णतः असंवैधानिक। धर्म विशेष के लोगों का इस प्रकार से आर्थिक बायकाट करने का प्रयास अति-निन्दनीय।”
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बता दें रकि सावन में बड़ी संख्या में कांवड़िए भगवान शिव की आराधना करके करने कांवड़ लेकर निकलते हैं। उत्तर प्रदेश में सरकार ने कांवड़ यात्रा के रूट तय किए हैं और उन रूटों पर पड़ने वाले रेस्त्रां, ढाबा, होटल, फल और खान-पान की दूसरी दुकानों पर मालिकों को अपने नाम का बोर्ड लगाने के आदेश दिए। मुजफ्फरनगर पुलिस प्रशासन की तरफ से सभी से नेम प्लेट लगाने की बात कही गई थी।
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