सैकड़ों साल की परंपरा को तोड़कर सबरीमला मंदिर में प्रवेश करने वाली 39 साल की कनकदुर्गा को अब उनके सुसराल वालों घर से बाहर निकाल दिया है। मंदिर में दर्शन करने से नाराज कनकदुर्गा की सास ने हाल ही में उसकी पिटाई की थी। जिसके बाद कनकदुर्गा को अस्पाताल में भर्ती कराया गया था। अब ससुरालवालों ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया है। ऐसे में कनकदुर्गा को एक संस्था की ओर से शेल्टर होम भेजा गया है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 39 वर्षीय कनकदुर्गा ने यहां अदालत में घरेलू हिंसा कानून के तहत एक याचिका भी दायर की है और कहा है कि उन्हें अपने पति के घर में रहने का अधिकार है। बताया जा रहा है कि आज ही कनकदुर्गा कोझिकोड चिकित्सकीय महाविद्यालय में उपचार के बाद छुट्टी होने पर अपने पति के घर गई थीं, लेकिन वहां पहुंचने पर उन्हें घर के बाहर ताला लगा मिला।
पुलिस के मुताबिक, कनकदुर्गा के पति और उनके संबंधी किराए के एक घर में रहने चले गए हैं। जिसके बाद मजबूरन कनकदुर्गा को ‘वन स्टॉप सेंटर’ यानी शेल्टर होम में शरण लेनी पड़ी।
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बता दें कि सबरीमाला मंदिर में पारंपरिक रूप से 10-50 साल की महिलाओं को मंदिर में एंट्री की अनुमति नहीं थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद 28 सितंबर को सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश दिए जाने के पक्ष में फैसला सुनाया। इसके बाद इतिहास रचते हुए 40 साल की दो महिलाओं बिंदु और कनकदुर्गा ने 2 जनवरी की सुबह में मंदिर में पूजा की थी। दोनों महिलाओं के मंदिर में एंट्री के एक दिन बाद गुरुवार को केरल में हिंसक घटनाएं और प्रदर्शन हुए थे।
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