हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या के बाद सोशल मीडिया पर हेट पोस्ट (घृणा फैलाने वाली) डालने के मामले में उत्तर प्रदेश में पिछले 72 घंटों में 32 प्राथमिकियां दर्ज हो चुकी हैं। सोशल मीडिया मॉनीटरिंग विंग संभालने वाले एक अधिकारी ने कहा, “कमलेश तिवारी की हत्या, आगामी त्यौहारी मौसम, आतंकवादी खतरे की खुफिया जानकारी और अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के लंबित निर्णय ने स्थिति को और संवेदनशील बना दिया है।”
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उन्होंने कहा, “सोशल मीडिया घृणा फैलाने के लिए एक त्वरित प्लेटफॉर्म बन चुका है और हम इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाने में बिल्कुल नहीं हिचकेंगे।” महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) प्रवीन कुमार ने कहा कि 18 अक्टूबर को कमलेश तिवारी की हत्या होने के बाद सोशल मीडिया पर हेट पोस्ट्स की बाढ़ आ गई है।
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उन्होंने कहा, “हमने 178 सोशल मीडिया अकाउंट्स ब्लॉक कर दिए हैं। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मुख्यालय पर स्थित सोशल मीडिया मॉनीटरिंग सेल सोशल मीडिया पर लगातार नजर बनाए हुए है। हम सामाजिक सौहाद्र बिगाड़ने वाले तत्वों को सफल नहीं होने देंगे।” मौजूदा स्थिति को देखते हुए राज्य की पुलिस सोशल मीडिया पर लगातार नजर बनाए हुए है।
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बता दें कि हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या के बाद से ही सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट किए जा रहे हैं। इसे लेकर पुलिस सोशल मीडिया पर करीबी नजर रख रही है। वहीं कमलेश तिवारी हत्याकांड में फरार दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपियों का नाम अशफाक और मोइनुद्दीन है। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी पर कमलेश तिवारी की मां कुसुम ने खुशी जाहिर की है। कुसुम तिवारी ने कहा कि सभी को फांसी दे दी जानी चाहिए।
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बता दें कि 18 अक्टूबर को ही हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की लखनऊ में उनके घर में घुसकर हत्या कर दी गई थी।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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