मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में पिछले दिनों आंधी में कई मूर्तियों के क्षतिग्रस्त होने के मामले की कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से जांच कराए जाने की मांग की है।
कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि उज्जैन आस्था का केंद्र है। जिस तरह से महाकाल लोक में सप्त ऋषि की मूर्तियां गिरीं और अब अन्य देव प्रतिमाओं को नुकसान पहुंचने के समाचार भी सामने आ रहे हैं, वैसे में शिवराज सरकार का रवैया पूरी तरह मामले की लीपापोती करने का नजर आ रहा है।
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उन्होंने आगे कहा, मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराने के बजाय शिवराज सरकार के मंत्री बिना जांच के ही अपनी सरकार को क्लीन चिट दे रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर दिया है कि महाकाल लोक घोटाले की जांच हाईकोर्ट के किसी वर्तमान न्यायाधीश से कराई जाए। अगर सरकार कांग्रेस की यह मांग स्वीकार नहीं करती तो जनता में स्पष्ट संदेश जाएगा कि शिवराज सरकार की मानसिकता हिंदुओं की आस्था पर चोट करने की और घोटालेबाजों को पूर्ण संरक्षण देने की है।
ज्ञात हो कि पिछले दिनों आंधी और बवंडर के कारण छह मूर्तियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई थी और अब बात सामने आ रही है कि कई अन्य मूर्तियां दरक गई हैं। कांग्रेस सीधे घोटाले और कमीशनबाजी का आरोप लगाए जा रही है।
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