न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबड़े भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने मंगलवार को उनके नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर किए। वह सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान चीफ जस्टिस (मुख्य न्यायाधीश) रंजन गोगोई की जगह लेंगे। जस्टिस बोबड़े 18 नवंबर को मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे और लगभग 18 महीने तक इस पद पर रहेंगे।
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वर्तमान में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई का कार्यकाल 17 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है। उन्होंने दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति बोबडे को अपना उत्तराधिकारी बनाने की सिफारिश की थी। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई भारत के 46वें मुख्य न्यायाधीश हैं। उन्होंने तीन अक्टूबर 2018 को अपना पदभार संभाला था।
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न्यायमूर्ति बोबड़े सबसे लंबे समय तक चलने वाले अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुनवाई करने वाली पांच न्यायाधीशों वाली संविधानिक पीठ का हिस्सा थे। मामले में अभी फैसला आना बाकी है।
जस्टिस एस.ए.बोबडे का पूरा नाम अरविंद शरद बोबडे है। उनका जन्म 24 अप्रैल, 1956 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था। उन्होंने नागपुर यूनिवसिर्टी से बीए और एलएलबी की डिग्री हासिल की थी।
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जस्टिस बोबडे साल 1978 में बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र से जुड़े। काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र ज्वॉइन करने के बाद उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में वकालत की प्रैक्टिस की। बॉम्बे हाई कोर्ट में साल 2000 में उन्होंने एडिशनल जज का पद संभाला। इसके बाद उन्हें मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया।
जस्टिस बोबडे 18 नवंबर को चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ले सकते हैं। जस्टिस रंजन गोगई द्वारा सिफारिश किए जाने के बाद केंद्र सरकार की ओर से जस्टिस बोबडे को चीफ जस्टिस का पद सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जस्टिस बोबडे 2013 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे। वे 23 अप्रैल, 2021 को रिटायर हो जाएंगे।
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