गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई है। बीते सोमवार रात विक्रम जोशी को बदमाशों ने गोली मारी थी। गंभीर रूप से घायल होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। पत्रकार विक्रम जोशी ने अपनी भांजी से छेड़छाड़ और अभद्र टिप्पणी करने वाले युवकों के खिलाफ शिकायत पुलिस में दर्ज करवाई थी। विक्रम द्वारा पुलिस से शिकायत किए जाने से नाराज आरोपियों और उनके कई साथियों ने सोमवार रात घेर कर पहले बुरी तरह पीटा था, उसके बाद गोली मार दी थी।
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पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने विक्रम की शिकायत को लेकर लापरवाही बरती। वारदात के बाद लापरवाही बरतने वाले चौकी इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया था। साथ ही पूरे मामले की जांच क्षेत्राधिकारी प्रथम को सौंप दी गई है।
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पत्रकार विक्रम जोशी की मौत के बाद उनके परिजनों ने उनके शव को लेने से मना कर दिया है। उनका कहना है कि जब तक पुलिस मुख्य आरोपी को नहीं पकड़ती वे शव नहीं लेंगे। विक्रम जोशी के भांजे ने कहा, “कमाल-उ-दीन के बेटे समेत कुछ लड़के मेरी बहन के साथ छेड़छाड़ करते थे। मेरे मामा घर आ रहे थे, जब कमाल-उ-दीन के बेटे ने उन पर हमला किया और उन्हें गोली मार दी। मुख्य आरोपी के पकड़े जाने तक हम अपने मामा के पार्थिव शरीर को नहीं लेंगे।
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वहीं, इस मामले में यूपी पुलिस ने आरोपियों की एक सूची जारी की है, जिसमें 10 लोगों नाम हैं। पुलिस के मुताबिक, इनमें से 3 आरोपी और गिरफ्तार कर लिए गए हैं, जबकि 6 को हिरासत में लिया गया है और एक फरार है।
उत्तर प्रदेश में लगातार कानून व्यवस्था की हालत बद से बदतर होती जा रही है। विपक्ष कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेर रहा है। विपक्ष का कहना है कि योगी राज में बदमाश बेखौफ हो गए हैं। विपक्ष के मुताबिक, यूपी में जंगलराज जैसी स्थिति हो गई है।
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