उत्तराखंड के जोशीमठ में लगातार भूधंसाव के खतरे के बीच नैनीताल हाईकोर्ट ने आज एनटीपीसी को टनल की सफाई करने की अनुमति दे दी है। लेकिन हाईकोर्ट ने टनल की सफाई में एनटीपीसी को भारी मशीनों और विस्फोटक का प्रयोग नहीं करने की सख्त हिदायत दी है। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 29 अगस्त की तारीख तय की है। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केन्द्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने मामले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
Published: undefined
इस मामले पर आज मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की खंडपीठ में सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने एनटीपीसी को चनल की सफाई करने की अनुमति दे दी। दरअसल एनटीपीसी ने जोशीमठ में बनी टनल के ट्रीटमेंट और उसकी सुरक्षा और उससे होने वाले वाले संभावित खतरे को कम करने के लिए टनल की सफाई करने को लेकर हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि एनटीपीसी को टनल में कार्य करने की अनुमति प्रदान की जाए, ताकि बाढ़ से होने वाले खतरे को रोका जा सके।
Published: undefined
वहीं एनटीपीसी के इस प्रार्थना पत्र को चुनौती देते हुए दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि इस पहाड़ी क्षेत्र में एनटीपीसी द्वारा टनल का निर्माण होने से ही जोशीमठ में दरारें आई हैं। इसलिए इस पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए। इस मामले को उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पीसी तिवारी ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।
Published: undefined
बता दें कि, जोशीमठ में कई जगहों पर भारी भू धंसाव से कई घरों में दरारें आने के बाद उन्हें खाली करवाया गया है। यहां तक कि मार्गों और खेतों में भी दरारें आने से लोगों को यहां से पलायन के लिए विवश होना पड़ा है। लोगों ने इसका आरोप एनटीपीसी पर जड़ा था। मामले में सरकार ने भूगर्भ वैज्ञानिकों से जांच कर रिपोर्ट मांगी थी, जो वैज्ञानिकों ने सरकार को दे दी है।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined