कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने प्रेस कांफ्रेंस करके कहा, “बीती रात नकाबपोश गुंडे जेएनयू में घुसे, छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया। इससे भयावह कुछ नहीं हो सकता। इसमे मामले में पुलिस की जिम्मेदारी बनती है। यह पूरी तरह से खुफिया तंत्र की विफलता है। हम मांग करते हैं कि इस मामले में दोषियों को पकड़ा जाए और पीड़ितों को न्याय मिलना चाहिए।”
चिदंबरम ने आगे कहा, “मैंने इस घटना को टीवी पर देखा। मैं चकित था कि दिल्ली में विश्विद्यालय में 50 नकाबपोश घुसते हैं और हमले को अंजाम देते हैं। सवाल ये है कि पुलिस कमिश्नर कहा थे?”
Published: undefined
उन्होंने आगे कहा, “रविवार को जेएनयू में हुए हमले से पता चलता है कि हम अराजकता की ओर बढ़ रहे हैं। हम यह मांग करते हैं कि अधिकारियों पर जवाबदेही तय की जाए और उनपर तुरंत कार्रवाई की जाए।” उन्होंने जेएनयू की घटना पर सरकार की जवाबदेही पर जोर देते हुए कहा कि यह कृत्य केंद्र सरकार, गृहमंत्री, उपराज्यपाल और पुलिस आयुक्त की निगरानी में हुई है।
उन्होंने इसे दिल्ली पुलिस की ओर से एक विफलता करार देते हुए सवाल किया कि क्या पुलिस के पास अनिवार्य खुफिया जानकारी नहीं थी?
Published: undefined
इसके अलावा चिदंबरम ने नागरिकता संशोधन कानून के मुद्दे पर भी केंद्र की मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से यह कहा जा रहा है कि संसद में विपक्ष की ओर से सवाल नहीं पूछे गए। चिदंबरम ने कहा कि हमने कई सवाल पूछे थे, लेकिन एक भी सवाल का जवाब सरकार की ओर से नहीं दिया गया है। अगर सरकार ने जवाब दिया है तो उसे सामने लाया जाए।
Published: undefined
चिदंबरम ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून में कई खामियां हैं। सवाल ये है कि आखिर इसमें मुसलमानों को क्यों नहीं शामिल किया गया। आखिर श्रीलंका, अफ्गानिस्तान और म्यांमार जैसे देशों को क्यों नहीं शामिल किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसे कई सवाल हैं, जिनका जवाब सरकार ने नहीं दिया और उल्टे विपक्ष पर सवाल खड़े कर रही है।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined